महिला दिवस के मौके पर हम आपको एक ऐसी महिलाओं से मिलवा रहें हैं, जिन्होंने अपने लिए ऐसा करियर चुना, जहां पुरुषों का वर्चस्व होता था. मुंबई की प्रीति कुमारी भी देश भर की महिलाओं के लिए एक मिसाल हैं. प्रीति ट्रेन ड्राइवर हैं. प्रीति बचपन से ही कुछ अलग करना चाहती थीं, वो अपने गांव की पहली लड़की थीं, जिन्होंने पढ़ाई के लिए अपना गांव छोड़ा.
2000 में प्रीति की शादी हुई और उनकी जिंदगी बदल गई, उनके पति एयरफोर्स में थे. लेकिन उनको ऐसी बीमारी हुई कि पूरे घर की जिम्मेदारी प्रीति के कंधों पर आ गई. अपनी छोटी सी बेटी को घर पर छोड़कर नौकरी करने के लिए फैसला लेना उनके लिए बहुत मुश्किल था, लेकिन अपने घर को संभालने के लिए उनको ये करना पड़ा.
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2007 में उन्होंने वेस्टर्न रेलवे की परीक्षा दी और वो उसमें पास भी हो गईं. 2010 में प्रीति की जिंदगी में खुशिया और गम दोनों साथ-साथ चल रहे थे, एक तरफ पति की हालत बिगड़ती जा रही थी और दूसरी तरफ प्रीति को नौकरी मिल गई. मुश्किल की इस घड़ी में प्रीति ने हिम्मत नहीं हारी. उनकी मां ने उनकी बच्ची को संभाला और प्रीति ने अपने करियर की शुरुआत की. अब प्रीति को जब लोग ट्रेन चलाते हुए देखकर तारीफ करते हैं, तो उनकी सारी थकान मिट जाती है.
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जब लोग मुझे ट्रेन चलाते हुए देखते हैं, तो बातें करते हैं कि देखो लेडीज ट्रेन चला रही है. ये देखकर मेरी सारी थकान मिट जाती हैं. आप लेडीज हो या जेंस जिम्मेदारी तो जिम्मेदारी होती है. गाड़ी की चाबी लेते ही हम भूल जाते हैं कि हमारा अपना घर भी है.प्रीति
कैमरामौन- संजय देब
कैमरा असिटेंट- गौतम शर्मा
वीडियो एडिटर- वीरु कृष्णन मोहन
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