वीडियो एडिटर: दीप्ति रामदास
वीडियो प्रोड्यूसर: मौसमी सिंह
ये जो इंडिया है ना.. यहां अब Control Alt D ही चलता है? Control Alt D से मेरा क्या मतलब है, बताता हूं.
अगर कोई मस्जिद गलत जगह पर खड़ी है तो... Control Alt Demolish दबा दीजिए. मस्जिद गिर जाएगी. हां ये करीब 30 साल पहले किया जा चुका है.. लेकिन अब हमने Control Alt D के नए उपयोग ढूंढ निकाले हैं.
अगर किसी को प्रवासी मजदूर के मौत की या उनकी बेरोजगारी का डाटा चाहिए. डेटा जिस से सरकार के लिए कठिन सवाल उठ सकते हैं तो Control Alt D दबा दीजिए और सारा डाटा गायब. यानी के कोई सवाल नहीं, कोई एंबैरेसमेंट नहीं, कोई कंपनसेशन देने की जरूरत ही नहीं.
अगर मुगल शहंशाहों को कूड़ेदान में डालना है.. कुछ सौ सालों के मुगल इतिहास को बेमानी बताना है तो Control Alt Deny दबा दीजिए तो सड़क और म्यूज़ियम के नाम बदल जाएंगे. हिस्ट्री टेक्स्ट बुक्स से चैप्टर डिलीट हो जाएंगे.
अगर कोई आपकी नीतियों का विरोध कर रहा है. प्रोटेस्ट में लगातार हिस्सा ले रहा है. उसे चुप कराने के लिए Control Alt Detain दबा दीजिए. UAPA, देशद्रोह, NSA जैसे कड़े कानून के तहत अंदर कर दीजिए. ऑटोमैटिकली आपको परेशान करने वाला वो शख्स.. महीनों सालों तक जेल में गायब हो जाएगा.
अगर कोरोना क्राइसिस और इकोनॉमी, दोनों को ठीक से ना संभाल पाने के वजह से लोग तकलीफ में हैं, सरकार से नाराज होते जा रहे हैं तो कंट्रोल ऑल्ट डिस्ट्रैक्ट दबा दीजिए और फिर गोदी मीडिया रिया जैसे कोई विलेन या कंगना जैसी कोई हिरोइन खड़ी कर देगी. जिससे लोगों का ध्यान रातों रात कोरोना और इकोनॉमी से एकदम हट जाएगा.
तो सबसे पहले कंट्रोल ऑल्ट डिलीट. अगर हम कंट्रोल ऑल्ट डिलीट दबा कर मुगल इतिहास को उड़ा दें.. तो ताज महल गायब हो जाएगा. कंट्रोल ऑल्ट डिलीट दबाइय़े.. तो लाल किला गायब हो जाएगा. कंट्रोल ऑल्ट डिलीट दबाइए.. और देश के सबसे महान फिल्मों में से एक , मुगल ए आज़म डिलीट हो जाएगी. लेकिन ये जो कंट्रोल ऑल्ट डिलीट बटन दबा रहे हैं.. उनका ये भी दावा है कि मुगलों ने देश को लूटा है. लेकिन दोस्तों.. ये बात सच नहीं है.
वास्तव में मुगल शासन के दौरान भारत दुनिया का सबसे अमीर देश बना था. कैंब्रिज विश्विद्यालय की एक स्टडी में कहा गया है कि साल 1700 तक दुनिया की 25% संपत्ति भारत में थी.
सम्राट जहांगीर के दरबार में इंग्लैंड के राजदूत सर थॉमस रो ने लिखा था-
भारत तब अपनी शर्तों पर व्यापार करता था. पेमेंट के रूप में केवल सोने की मांग रखता था. यूरोप की संपत्ति उस दौर में लगातार भारत को अमीर करती गई.
17वीं शताब्दी में भारत आए फ्रांस के इतिहासकार फ्रांस्वा बर्नियर ने लिखा है कि मुगल शासन के दौरान एक्सक्लूसिव रूप से भारत का व्यापार और पैसा, हिंदू व्यापारियों के नियंत्रण में था.
तो साफ है कि मुगलों ने भारत को गले लगाया, देश को समृद्ध किया, ना कि उसे लूटा. और देश के इस महान दौर पर कंट्रोल ऑल्ट डिलीट का बटन दबा कर. हम अपने ही इतिहास और विरासत का एक अनमोल हिस्सा खो बैठेंगे.
अगर कोई सही मे देश को लूटने वालों की तलाश कर रहा है तो जवाब है ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी और ब्रिटिश राज. कोई भी हिस्ट्री टेक्स्ट उठाइए.. ड्रेन ऑफ वेल्थ ड्यूरिंग ब्रिटिश रूल के चैप्टर पर आइए और उसके बारे में पढ़ लीजिए.
कंट्रोल ऑल्ट डिलीट दबाने के कुछ और उदाहरण देखते हैं. इस बार डेटा यानी आंकड़ों के साथ. मेरी सहयोगी अस्मिता नंदी ने इस लिस्ट को तैयार किया है. कोरोना महामारी के दौरान कितने प्रवासी मजदूरों की मौत हुई. सरकार कहती है, हम नहीं जानते. हमारे पास ये डाटा नहीं है. कोरोना महामारी के दौरान कितने प्रवासी मजदूरों ने नौकरी खोयी.. सरकार फिर एक बार कहती है हम नहीं जानते.. ये डाटा हमारे पास नहीं है.
कोरोना के दौरान कितने हेल्थ वर्कर्स, पुलिस कर्मचारी और सफाई कर्मचारियों की मौत हुई.. सरकार फिर कहती है इसका भी डाटा उनके पास नहीं है. इस पैंडेमिक के दौरान माइक्रो, स्मॉल और मीडियम इंटरप्राइजेज यानी MSMEs के बंद होने के संख्या क्या है.. फिर वही जवाब, कोई डाटा नहीं. और सरकार ने ये सब ऑन रिकॉर्ड.. पार्लियामेंट में कहा है.
तो हमारा सवाल है ये है कि ये कैसे संभव हो सकता है. ये सब डाटा, ये आंकड़ें उपलब्ध क्यों नहीं हैं? और यहां मैं आपको एक क्लू देता हूं.. कंट्रोल ऑल्ट सी दबा कर देखिए.. सी फॉर कॉपी नहीं सी फॉर कंपनसेशन.
मरने वाले माइग्रेंट वर्कर के परिवारों को सरकार को क्या देना पड़ेगा? कंपनसेशन.
करोड़ों रूपए. नौकरी गंवाने वाले माइग्रेंट वर्कर्स के हाथ में सरकार को क्या देना पड़ेगा ? कंपनसेशन.
MSMEs जो बंद हो गए, उन्हें बचाने के लिए सरकार को देना पड़ेगा, कंपनसेशन.
लेकिन सरकार की लेबर मिनिस्ट्री ने पार्लियामेंट में क्या कहा? कहा है कि पैंडेमिक के दौरान प्रवासी मजदूरों की मौत के आंकड़े चूंकि हमारे पास नहीं हैं, तो उन्हें कोई कंपनसेशन देने का सवाल ही नहीं उठता है.
यानी के कंट्रोल ऑल्ट डिलीट किसी ने दबाया.. डाटा डिलीट हो गया.. और कोरोना की मार को झेल रहे लाखों लोग.. इतनी आसानी से भुला दिए गए.
कंट्रोल ऑल्ट डिलीट के बाद, कंट्रोल ऑल्ट डिनाइ को देखा जाए.
कुछ दिनों पहले, होम मिनिस्ट्री ने कंट्रोल ऑल्ट डिनाई बटन दबाया. ये कहते हुए कि पिछले 6 महीनों में लद्दाख के LAC पर कोई चीनी घुसपैठ नहीं हुआ है. अगर ऐसा है तो हम चीन के साथ किस बात की चर्चा कर रहे हैं? अगर वो LAC के अपने साइड में हैं और हम अपने साइड में तो फिर किस बात की चर्चा, किस बात पर नेगोसिएशन हो रही है. और फिर क्या कंट्रोल ऑल्ट डिनाइ बटन दबाने से जमीनी हकीकत बदल जाती है?
चाइनीज़ ट्रूप्स पैन्गोंग लेक के फिंगर 4 की पहाड़ियों पर हैं.. फिंगर 8 और फिंगर 4 के बीच सैकड़ों चाइनीज़ सैनिक तैनात हैं. और इस पूरे इलाके को इंडियन टेरिटरी माना जाता है. तो ये अगर घुसपैठ नहीं है तो क्या है?
चीनी सैनिक डेबसांग में भी इंडियन आर्मी और ITBP की पैट्रोलिंग को रोक रहे हैं. कई मीडिया रिपोर्ट्स में ये कहा गया है, इन रिपोर्ट्स को इंडियन आर्मी या रक्षा मंत्रालय ने डिनाइ भी नहीं किया है. साफ है कि चीनी डेबसांग में LAC के 15 किमी अंदर हैं. अगर ये घुसपैठ नहीं है तो फिर क्या?
कंट्रोल ऑल्ट डिनाइ दबाने से सच्चाई बदल नहीं सकती. और एक और बात.. हम इस सच्चाई से इंकार कर ही क्यों रहे हैं? क्या इस लिए की हमारी इस टेरिटरी को.. इंडियन टेरिटरी को वापस पाने के लिए सरकार के पास कोई प्लान, कोई रणनीति, कोई इरादा है ही नहीं?
नेशन वांट्स टू नो.. ये एक फेसम टीवी न्यूज एंकर के शब्द हैं और वो सही हैं, ये जो इंडिया है ना.. यहां के लोग सच जानने का हक रखते हैं. इससे कम कुछ नहीं. इसलिए कंट्रोल ऑल्ट डिलीट, कंट्रोल ऑल्ट डिनाइ, कंट्रोल ऑल्ट डिटेन, कंट्रोल ऑल्ट डिस्ट्रैक्ट... इन सभी बटन्स से उंगली हटाओ और हमें सच बताओं.
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