भारत-पाकिस्तान को अलग हुए 70 साल पूरे गए हैं. बंटवारे के दौरान करीब 20 लाख लोगों की मौत हो गई थी. लेकिन जिन लोगों की इस मुश्किल समय में जान बच गई थी, उनके सीनों में आज भी बंटवारे का दर्द बाकी है.
रिटायर्ड प्रोफेशनल हीरा गुलराजानी कहते हैं कि वो शुरूआत में भारत की आजादी पर बहुत खुश थे लेकिन बाद में जिस दौर से उन्हें गुजरना पड़ा, वो एक दर्दभरी कहानी है. वहीं शमसुल निसा बताती हैं कि बंटवारे के समय वह महज उस वक्त वह महज 10 साल की थी. और उनके परिवार के आठ पुरुषों को जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में मार दिया गया था.
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