वीडियो एडिटर: विवेक गुप्ता
जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में हॉस्टल फीस बढ़ाए जाने के विरोध में सैकड़ों छात्र सड़कों पर उतरे. 23 नवंबर को हुए इस विरोध प्रदर्शन में सीपीआई नेता और पूर्व जेएनयूएसयू अध्यक्ष कन्हैया कुमार, पूर्व जेएनयू छात्र और एक्टिविस्ट उमर खालिद, स्वराज अभियान के संस्थापक योगेंद्र यादव भी शामिल हुए.
मार्च में सैकड़ों की संख्या में छात्रों, शिक्षकों, एक्टिविस्टों के अलावा राष्ट्रीय जनता दल और भीम आर्मी के कार्यकर्ता भी मौजूद थे. क्विंट ने फीस बढ़ोतरी के मुद्दे पर कुछ प्रमुख लोगों से बात की.
मार्च में शामिल हुए कन्हैया कुमार ने भाषण के दौरान कहा कि शिक्षा सबका अधिकार है.
पूरा देश जेएनयू के तरफ उम्मीद भरी नजरों से देख रहा है. जेएनयू ने सवाल उठाया है कि शिक्षा सबका अधिकार है, ये अमीरों को मिलने वाला खैरात नहीं है. इस मानसिकता को समझना पड़ेगा. फीस बढ़ोतरी से समाज के सबसे गरीब और कमजोर, दलित, आदिवासी लोग पढ़ाई नहीं कर पाएंगे.कन्हैया कुमार, पूर्व JNUSU अध्यक्ष
पूर्व जेएनयू छात्र और एक्टिविस्ट उमर खालिद ने कहा “एक बेसिक सवाल है कि अगर आपके डेटा के हिसाब से ही 40% बच्चे उस फीस स्ट्रक्टर को नहीं दे पाएंगे, तो हम कहां जाएंगे. सवाल पूछने पर आप बात नहीं करते हैं और लाठियां बरसाते हैं, ये सरकार के चेहरे को दिखाती है.
जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में पिछले कुछ दिनों से लगातार फीस बढ़ोतरी को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी है. विरोध प्रदर्शन के बाद सरकार ने बढ़ी हुई फीस को वापस लेकर कुछ रियायत दी है लेकिन पूरी तरह से बढ़ी हुई फीस वापस नहीं हुई है.
जिसके कारण इन छात्रों का प्रदर्शन नहीं थम रहा है. छात्र संगठन हर दिन मांग कर रहे हैं कि फीस का स्ट्रक्चर पहले जैसा था वैसा ही किया जाए. जब तक बढ़ी हुई फीस वापस लेने का ऐलान नहीं होता है विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा.
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