जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी के छात्रों का फीस बढ़ोतरी और अन्य मांगों को लेकर लगातार प्रदर्शन जारी है. सैकड़ों छात्र संसद तक मार्च निकालने के लिए सड़कों पर उतरे. संसद जाने तक के रास्ते पर पुलिस ने कई जगह बैरिकेडिंग की थी, लेकिन छात्रों ने एक-एक कर सारी बैरिकेडिंग तोड़ दी. सोमवार देर शाम छात्रों का एक दल अपनी लिखित मांगों के साथ मानव संसाधन मंत्रालय पहुंचा.
इससे पहले जेएनयू छात्रसंघ ने कहा कि दिखाने के लिए सरकार ने एक कमेटी गठित कर दी है. यह एक झूठी कमेटी है. छात्रों ने कहा कि अगर हमारे हक में फैसला लेना है तो इन बढ़ाई गई फीसों को सस्पेंड क्यों नहीं किया गया है.
जेएनयू के छात्रों से बातचीत के लिए केंद्र सरकार ने एक हाई पावर कमेटी तैयार की है. जो छात्रों से बातचीत कर इस मसले को सुलझाने की कोशिश करेगी.
छात्रों का दल मानव संसाधन मंत्रालय पहुंचा
सड़कों पर दिन भर मचे बवाल के बाद JNU छात्र, केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय पहुंच गए. मांग पत्र के साथ छात्रों को मंत्रालय (शास्त्री भवन) में कड़ी पुलिस सुरक्षा में पहुंचाया गया. केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री के देश से बाहर होने के चलते छात्र प्रतिनिधिमंडल अपनी मांगों से संबंधित पत्र मंत्रालय के अधिकारियों के हवाले करेंगे.
इस बात की पुष्टि दिल्ली पुलिस के संयुक्त आयुक्त देवेश चंद्र श्रीवास्तव ने न्यूज एजेंसीआईएनएस से की. उन्होंने बताया, "पुलिस और छात्र नेताओं के बीच देर शाम एक सहमति बनी थी, जिसके मुताबिक चार छात्र नेताओं को कड़ी सुरक्षा में मंत्रालय तक पहुंचाया जाना है. मंत्रालय ने भी छात्र नेताओं से उनकी मांगों के बाबत मिलने की अनुमति दे दी. इसके बाद ही यह कदम उठाया गया."
छात्रों ने लगाया मारपीट का आरोप
जेएनयू के छात्रों ने आरोप लगाया है कि पुलिस और सुरक्षाबलों ने उनके साथ मारपीट की है. छात्र लगातार आगे बढ़ते जा रहे हैं और किसी भी आश्वासन पर मानने को तैयार नहीं हैं. छात्रों का कहना है कि उन्हें मार्च निकालने की आजादी नहीं दी जा रही है. उन्होंने शांतिपूर्ण मार्च निकालने की मांग की थी, लेकिन फिर भी धारा 144 लगा दी गई. छात्रों का आरोप है कि पुलिस ने सिविल ड्रेस में उनके साथ मारपीट की है, उन्हें लात-घूसों से मारा जा रहा है.
संसद तक पहुंचने की कोशिश में कई छात्रों की पुलिस कर्मियों से झड़प भी हुई है. पुलिस छात्रों को पकड़कर हिरासत में ले रही है. वहीं छात्रों का कहना है कि वो किसी भी तरह संसद तक पहुंचकर ही रहेंगे. जो भी छात्र बैरिकेडिंग के ऊपर चढ़ने की कोशिश कर रहे हैं उन्हें पुलिस हिरासत में ले रही है. अभी तक करीब 200 से ज्यादा छात्रों को हिरासत में लिया गया है. छात्रों को बसों में भरकर पुलिस थाने तक ले जाया जा रहा है.
पुलिस की अपील, कानून हाथ में न लें छात्र
दिल्ली पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी और पुलिस उपायुक्त (मध्य) मंदीप सिंह रंधावा ने कहा, ‘‘हम जेएनयू छात्रों के साथ वार्ता के लिए मध्यस्थता की कोशिश कर रहे हैं. हमने उनसे कहा कि वे कानून अपने हाथ में न लें, सड़कों को अवरुद्ध न करें और जनता को परेशानी न पहुंचाएं. हम उन्हें मनाने की कोशिश कर रहे हैं और उम्मीद है कि हम जल्द ही मामला सुलझाने में सफल होंगे.’’
रंधावा ने कहा, ‘‘हम लाठीचार्ज के आरोप को देखेंगे. हम छात्रों से इस बारे में बात करेंगे. हो सकता है कि उनमें से कुछ को बैरिकेड तोड़ने के दौरान चोट लगी हो. कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं.’’
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