वीडियो एडिटर: वीरू कृष्ण मोहन
नेटफ्लिक्स इंडिया की फेमस सीरीज 'सेक्रेड गेम्स' का दूसरा सीजन 15 अगस्त को रिलीज होने जा रहा है. ये नया सीजन पहले वाले सीजन से ज्यादा बड़ा और बेहतर होने की उम्मीद जताई जा रही है. सैफ अली खान इसमें फिर एक बार फिर ‘सरताज सिंह’ के रोल में और नवाजुद्दीन सिद्दीकी ‘गणेश गायतोंडे’ के रोल में नजर आएंगे और इनके साथ कल्कि केकला, रणवीर शॉरी और पंकज त्रिपाठी (जो कि पहले सीजन में भी नजर आए थे) नजर आएंगे.
पिछली बार की तरह इस बार भी अनुराग कश्यप गणेश गायतोंडे के कैरेक्टर को डायरेक्ट करेंगे. लेकिन सरताज सिंह के कैरेक्टर को इस बार फिल्म 'मसान' के डायरेक्टर नीरज घेवान डायरेक्ट करेंगे. सीजन 1 में सरताज सिंह के कैरेक्टर को डायरेक्ट करने वाले विक्रमादित्य मोटवानी अब सीरीज के शो रनर बन गए हैं.
हमने सीरीज के शो-रनर विक्रमादित्य मोटवानी और एक्ट्रेस कल्कि केकलां से बातचीत की.
विक्रम, सबसे पहले मैं आपसे पूछना चाहूंगी कि नेटफ्लिक्स ने शायद ‘सेक्रेड गेम्स’ को इंग्लिश में करने के लिए कहा था लेकिन आपने मना कर दिया?
विक्रमादित्य: नेटफ्लिक्स ने नहीं. ‘सेक्रेड गेम्स’ की एक पायलट स्क्रिप्ट थी जो AMC शायद कर रही थी उसके पहले. वो स्क्रिप्ट,नेटफ्लिक्स को भी मिलने से पहले की बात है. हॉलीवुड में चाह रहे थे कि अंग्रेजी में बने और जब नेटफ्लिक्स ने राइट्स खरीद लिए तो उनकी ये ही इच्छा थी की ये शो हिंदी में बने क्यूंकि उन्होंने ‘नारकोस’ बनायी थी और मेरा पहला सवाल ये ही था कि आप अंग्रेजी में बनाना चाह रहे हो या हिंदी में? तो वो बोले, “नहीं, हिंदी में.” तो मैंने कहा कि ये अच्छा है क्यूंकि अंग्रेजी में वो बनती ही नहीं. पुरानी स्क्रिप्ट पढ़ी थी मैंने. वो बहुत अजीब थी. अजीब होता ना अगर काटेकर इंग्लिश में बोलता तो.
कल्कि, मैंने जब ‘सेक्रेड गेम्स 2’ का ट्रेलर देखा पहली बार, तो देखते ही मुझे अचानक से ओशो की डॉक्यूमेंटरी ‘वाइल्ड वाइल्ड कंट्री’ की मां शीला याद आ गयीं.
कल्कि: नहीं, मां शीला एक रियल करैक्टर है. मेरा करैक्टर तो फिक्शनल है.
हां, आपका किसी से प्रेरित नहीं है. लेकिन क्या उतना ही खतरनाक है आगे चल कर?
कल्कि: नहीं, मुझे लगता है कि काफी अलग है. मेरे करैक्टर में कुछ शेड्स तो हैं. ग्रे शेड्स हैं लेकिन काफी अलग है.
कैसा रहा आपका उस रोल में ढलना? क्यूंकि आपको बहुत दबा हुआ भी नहीं रहना था ना ही ओवर-द-टॉप रहना था.
कल्कि: हां, मतलब तैयारी तो करनी पड़ती है. मैं गुरूजी को ज्यादा देखती थी जो पंकज त्रिपाठी का किरदार है. क्यूंकि मैं उसकी स्टूडेंट हूं तो उससे मैं सीखती हूं. तो रियल लाइफ में भी मैं उनको देखती थी कि वो कैसा करते हैं और कैसे डायलॉग बोलते हैं. उनको कॉपी करने के लिए नहीं, लेकिन उनका कुछ प्रभाव पड़े मुझ पर, इसलिए.
विक्रम, कास्टिंग की बात करें तो बहुत-बहुत शानदार है. तो क्या हर एक्टर आपके दिमाग में पहले से थे? क्या सब लोग आपकी पहली चॉइस ही थे?
विक्रमादित्य: लगभग-लगभग, हां. मतलब 1-2 थे जो कोई और एक्टर्स चाहिए थे. लेकिन वो लोग हमें डेट नहीं दे पाए.
क्या कुब्रा सैत आपकी पहली चॉइस थीं?
विक्रमादित्य: नहीं, सीजन 1 में कुब्रा पहली चॉइस नहीं थीं.पहली चॉइस की बात नहीं है. इतना मुश्किल करैक्टर था कास्ट करने के लिए कि काफी ऑडिशन किये हम लोगों ने. ये भी सोचा कि क्या हम कोई रियल ट्रांसजेंडर ही ले आएं इस रोल के लिए. औरतों और आदमियों के काफी सारे ऑडिशंस लिए थे हमने, लेकिन कोई फाइनल नहीं हो पा रहा था. या तो जो ट्रांसजेंडर थे उनसे एक्टिंग अच्छी नहीं हो पा रही थी, या फिर जो अच्छे एक्टर्स थे, हमें वो मिल नहीं रहेथे. और फिर कुब्रा अचानक आ गयी. शूटिंग के 2 हफ्ते पहले ही उसने ऑडिशन किया था. मैंने सोचा कि ये कमाल की है.
कल्कि, आप हर जगह हैं. इतनी वैरायटी है कि शॉर्ट फिल्म, डॉक्यूमेंट्री, कभी DJ का रोल तो कभी वैम्प बन कर अपनी बेस्टफ्रेंड का घर तोड़ना. मतलब हर रोल में… और अब तमिल फिल्म भी. तो आप अपनी फिल्म्स कैसे चूज करतीं हैं?
कल्कि: पता नहीं, बस स्क्रिप्ट्स आती रहतीं हैं. 10 में से अगर 1 स्क्रिप्ट अच्छी होती है, तो मैं उसके लिए “हां” कह देती हूं.
आपके हिसाब से अच्छी स्क्रिप्ट कौन सी होती है?
कल्कि: मुझे पता नहीं, एक अंदर से महसूस होता है. पहली बात, उसे पढ़ते हुए आप रुकते नहीं हैं बीच में. अगर मैं एक बार में पूरी स्क्रिप्ट पढ़ती हूं तो वो एक अच्छा साइन होता है और उसके अलावा सोचती हूं कि ऐसा करैक्टर पहले किया है या नहीं. मैं क्या ये रोल कर सकती हूं क्या? ये सारे सवाल भी आते हैं. और थोड़ा प्रैक्टिकल भी सोचती हूं कि डायरेक्टर कौन है और प्लैटफॉर्म क्या है, ये सब और काफी कुछ सोचती हूं
विक्रम, जब आपने सीजन 2 को शूट करना शुरू किया होगा तब तक ‘सेक्रेड गेम्स’ बहुत बड़ा बन चुका था. ग्लोबल फेम और वो सब… मतलब आपको प्रेशर भी महसूस हुआ होगा?
विक्रमादित्य: 4 फिल्में बना चुका हूं और 2 सीजन के सीरीज भी बना चुका हूं. तो वो जो प्रेशर होता है और टेंशन होता है कि एक फिल्म हिट हो जाए, तो मुझे लगता है कि वो सब तो निकल गया. इस बार जो सीजन 2 की राइटिंग थी वो हमने जनवरी में शुरू की थी और सीजन 1 जुलाई में आया था. तो 6 महीने तो हम लोग लिख ही रहे थे इस सीजन को. तो कोई प्रेशरनहीं है, जो लिख लिया उसको बना लिया.
बहुत-बहुत शुक्रिया और सीजन 2 के लिए शुभकामनाएं
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