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MP: हजारों क्विंटल अनाज बर्बाद,किसानों के नुकसान का कौन जिम्मेदार?

कई किसान जिनका चना सड़ गया है उनको भी काफी नुकसान उठाना पड़ा है.

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मध्य प्रदेश के अलग-अलग जिलों में जून के पहले हफ्ते में हुई बारिश की वजह से हजारों क्विंटल अनाज सड़ गया है. सरकारी खरीद के लिए खुले में रखा हुआ अनाज प्रशासन की लापरवाही की वजह से खराब हो गया. वहीं वो किसान जो अपनी फसलों को बेचने का 4-5 दिनों से इंतजार कर रहे थे उनका अनाज भी इस बारिश की वजह से सड़ गया है. मध्य प्रदेश के दमोह जिले में जब हम सरकारी खरीदी वाली जगह पर पहुंचे तो भारी तादाद में चना सड़ा हुआ मिला. वहीं कई किसान जिनका चना सड़ गया है उनको भी काफी नुकसान उठाना पड़ा है.

लेकिन मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल कह रहे है कि चने का कोई नुकसान नहीं हुआ है.

किसानों के हित में जो भी निर्णय हो सकते हैं हमने शिवराज जी के नेतृत्व में लिए हैं. जो भी समस्या आई है उसमें हमने चना और सरसों की खरीदारी नेफेड के माध्यम से कर रहे हैं. हम ये सब वेयर हाउस में ही कर रहे हैं और हमने कहीं नुकसान नहीं होने दिया है. वेयर हाउस के अंदर है.
कमल पटेल, कृषि मंत्री, मध्य प्रदेश

लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है

मध्य प्रदेश के कई जिलों में हजारों क्विंटल अनाज सड़ने की तस्वीरें आई हैं. जब हम मध्य प्रदेश के दमोह जिले के सरकारी चना खरीद केंद्र पर पहुंचे तो वहां हमें चने की हजारों बोरियां पानी से भीगी मिली. कई बोरिया तो बुरी तरह सड़ चुकी थीं. चने में अंकुरण तक निकल आए थे. इसमें ज्यादातर माल वो था जो सरकार किसानों से खरीद चुकी थी. सीधा मतलब है सरकारी अनाज का भयानक नुकसान हुआ है.

फसल बेचने आए किसानों का अनाज बर्बाद

वहीं कई सारे किसान अपनी फसल सरकारी खरीद में बेचने आए हुए थे. ये किसान 4-5 दिनों से ज्यादा वक्त से अपनी बारी आने का इंतजार कर रहे थे. लेकिन अनाज बेचने की बारी आती कि उसके पहले बारिश आ गई और तैयार अनाज को गीला कर गई. अब वो अनाज सड़ने की स्थिति में पहुंच गया है.

मेरा 40 क्विंटल चना था. मैं 4-5 दिन से अपनी फसल बिकने का इंतजार कर रहा था लेकिन बारिश की वजह से मेरा तैयार अनाज सड़ गया. अभी भी नहीं पता है कि सरकार कब तक खरीदेगी. सरकार कह रही है कि रखा रहने दो तुल जाएगा. लेकिन अगर फिर खराब हो गया तो जिम्मेदार कौन होगा? आखिर में किसान को ही भुगतना पड़ेगा. इसके पहले उरदा की फसल का भी कम पैसा आया था. अधिकारी और कर्मचारी माल नहीं उठाते हैं. इसके चलते सब लफड़ा चल रहा है. अगर पहले  से ही ये माल उठा लिया जाता तो इतनी समस्या खड़ी ही नहीं होती.
संतोष कुमार पटेल, किसान, दमोह (MP)
4-5 दिनों से हम यहां पर पड़े हैं. इतने दिनों से माल की तुलाई नहीं पाई और अब बारिश से माल सड़ गया. हम ट्रैक्टर से माल लाए थे वो सड़ गया. हम अब समझ नहीं पा रहे कि इस नुकसान की भरपाई कौन करेगा?
गणेश, किसान

ग्राउंड पर सड़े हुए अनाज का मुआयना करने के बाद हमने दमोह जिले के कलेक्टर तरुण राठी से बात की और उनसे इसकी वजह, जिम्मेदारी और किसानों के सवालों पर बात की.

जांच के लिए ADM की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है. ADM जब इसके संबंध में रिपोर्ट देंगे तो हम इसको लेकर कार्रवाई करेंगे. जो किसान इंतजार कर रहे हैं उनके लिए हम खरीदी की नई जगह की व्यवस्था कर रहे हैं. 
तरुण राठी, कलेक्टर दमोह

इतनी ज्यादा मात्रा में अनाज खराब होने के बाद और खरीदी में ढिलाई होने के बाद कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने खरीदी केंद्र के सामने की सड़क जाम कराने के लिए प्रदर्शन किया. स्थानीय कांग्रेस विधायक राहुल सिंह ने इस धरने की अगुआई की.

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