अच्छे संपादक, जाने माने लेखक और अब पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर यौन उत्पीड़न के कई मामलों में आरोपी हैं. करीब 20 महिलाओं ने उनपर आरोप लगाए पहले तो उन्होंने खुद को पाक साफ बताया लेकिन जब दबाव बढ़ा तब जाकर करीब 214 घंटे बाद उन्होंने बुधवार,17 अक्टूबर को अपनी पद से इस्तीफा दिया.
विदेश मामलों के राज्य मंत्री रहे अकबर पर सेक्सुअल हैरेसमेंट के आरोप उस समय के हैं जब वो एक न्यूजपेपर के एडिटर थे.
यौन उत्पीड़न करने के साथ साथ काम पर उन्हें डराने, जबरन नजदीकी बढ़ाने और लड़कियों को असहज करने वाले इंटरव्यू लेने के अलावा अकबर पर महिलाओं को नए नए तरीके से परेशान करने की शिकायतें आईं. महिलाओं ने कथित उत्पीड़न के कई भौंडे तरीके दुनिया के सामने रखे.
क्विंट के कुछ पत्रकार इस वीडियो में एमजे अकबर पर लगे आरोपों और साथ ही अकबर की ओर से आरोपों को लेकर दिए गए बयान को पढ़ रहे हैं.
मानहानि का मुकदमा और अकबर की दलीलें
आरोपों पर अपनी चुप्पी तोड़ने के एक दिन बाद, सोमवार, 15 अक्टूबर को एमजे अकबर ने आईपीसी की धारा 500 के तहत मानहानि के लिए प्रिया रमानी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. प्रिया रमानी ही वो पहली महिला हैं जिन्होंने एमजे अकबर पर आरोप लगाने की शुरुआत की.
41 पेज की शिकायत पटियाला हाउस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में लॉ फर्म करंजावाला एंड कंपनी ने एमजे अकबर की तरफ से दायर की थी और तर्क दिया था कि रमानी ने “जानबूझकर, दुर्भावनापूर्ण तरीके से” अकबर पर आरोप लगाए हैं.
इससे पहले, 14 अक्टूबर को, अकबर ने एक बयान जारी करते हुए कहा था कि तमाम आरोप सिर्फ आनेवाले चुनावों की वजह से ‘एजेंडे’ के तहत लगाए जा रहे हैं.
“आम चुनाव से कुछ महीने पहले ये तूफान क्यों बढ़ गया है? क्या कोई एजेंडा है? आप ही फैसला करें. इन झूठे, आधारहीन आरोपों ने मेरी प्रतिष्ठा को चोट पहुंचाया है.”एमजे अकबर
उन्होंने बार-बार जोर देकर कहा कि उन्होंने "कभी भी कुछ नहीं किया.
लड़ने के लिए तैयार महिलाएं
इन सबके बावजूद जिन महिलाओं ने अकबर पर आरोप लगाया है वो लड़ने के लिए तैयार हैं. और उनकी लड़ाई अकेली नहीं है.
उनकी ओर से जारी किए गए एक संयुक्त बयान में कहा गया कि
“रमानी अपनी लड़ाई में अकेली नहीं हैं. हम माननीय कोर्ट से मानहानि के मामले में याचिकाकर्ता के हाथों हम में से कुछ के साथ हुए यौन उत्पीड़न के मामले को साक्ष्य के तौर पर विचार करने का अनुरोध करेंगे.”
17 अन्य महिला पत्रकार जिन्होंने एशियन एज अखबार के साथ काम किया है, जिसके एडिटर अकबर हुआ करते थे, वो रमानी के समर्थन में हैं.
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