ADVERTISEMENTREMOVE AD

कड़कड़ाती ठंड में एमसीडी ने सैकड़ों लोगों को किया बेघर

एमसीडी और जमीन के कथित मालिकों के विवाद के बीच सैकड़ों गरीब परिवार ठंड में खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर.

Published
छोटा
मध्यम
बड़ा
‘’एक तरफ नोटबंदी की मार झेल ही रहे थे और अब हमारा मकान भी तोड़ दिया गया. ऐसे ठंड में हम कहांं जाएंगे अब?’’

यह कहना है दिल्ली के महरौली के पास बसी झुग्गी बस्‍ती में रहने वाली मरजीना बीबी का. 5 दिसम्बर को दिल्ली के महरौली इलाके में शमशान घाट के पास बसे एक झुग्गी बस्ती को एमसीडी ने तोड़ दिया. एमसीडी का कहना है कि ये झुग्गि‍यां हाईकोर्ट के ऑर्डर से तोड़ी गई हैं.

लेकिन यहां रह रहे लोगों का कहना है कि वे इस जमीन पर 10 साल से रह रहे थे और इसका किराया भी दिया करते थे. इस झुग्गी में रहने वाले ज्यादातर लोग बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल से आए हैं, जो छोटा-मोटा काम कर अपना घर चला रहे हैं.

यहां रह रहे लोगों से किराया लेने वाले कुणाल महलावत का कहना है कि यह जमीन उनकी है और डीडीए के साथ कोर्ट में केस चल ही रहा है. लेकिन बिना किसी ऑर्डर या नोटिस के एमसीडी और डीडीए ने मिलकर सभी घरों को तोड़ दिया है.

केस तो चल ही रहा है लेकिन एमसीडी और जमीन के कथित मालिकों के विवाद के बीच पिस रहे सैकड़ों गरीब परिवार इस कड़कड़ाती ठंड में खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं, जिनकी सुध लेने वाला कोई नहीं.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×