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क्या है अजीम की मौत का कारण,बच्चों के बीच झगड़ा या सांप्रदायिक तनाव

अजीम के अब्बू ने बेटे की मौत पर चल रही पुलिस जांच पर भी सवाल उठाए हैं.

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दिल्ली के मालवीय नगर के बेगमपुर इलाके में अशांति का माहौल है. इस इलाके में एक बेहद मामूली सी बात पर आठ साल का एक बच्चा मारा गया था. पुलिस के मुताबिक, 25 अक्टूबर की सुबह एक मैदान में खेलने को लेकर कुछ बच्चों की लड़ाई हुई. इसी झगड़े में मुहम्मद अजीम नाम के एक बच्चे की मौत हो गई. मदरसे के बच्चों और वाल्मीकि बस्ती के बच्चों के बीच हुई हाथापाई मौत की वजह है. झगड़े में कथित तौर पर चार बच्चों पर आरोप है. उन 4 बच्चों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

घटना के दिन अजीम के साथ खेल रहे उसके एक दोस्त ने उस दिन की आंखोदेखी बयां की,

हम खेल रहे थे, हमारी गिल्ली उन लोगों के पास चली गई, उन लोगों ने दिया नहीं, बम फेंका, पटाखा फोड़ने लगे.. गाली देने लगे. उसके बाद अजीम को गले से पकड़कर नीचे गिरा दिया, पेट पर लात मारा. फिर अजीम को बाइक के हैंडल पर दे मारा वो वहीं पर बेसुध हो गया. 
अजीम का क्लासमेट

इस पूरी घटना को लेकर मदरसे की तरफ से ये कहा जा रहा है कि इलाके में सांप्रदायिक तनाव काफी फैला हुआ था. वहीं पुलिस और आरोपी लड़कों का परिवार किसी भी तरह के सांप्रदायिक वजह से इनकार कर रहे हैं. वाल्मीकि बस्ती के लोगों का कहना है कि मदरसा और बस्ती के बीच एक गली को लेकर विवाद चल रहा था.

झगड़े की वजह चार फीट चौड़ी एक गली है जो बस्ती और मदरसे की दीवारों को जोड़ती है. ये गली ही वाल्मिकी कैंप को निकलती है और मस्जिद और मदरसे से जुड़ी है.

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ये इत्तेफाक नहीं है, ये सोची समझी साजिश है. अगर ये नहीं तो कोई और बच्चा शिकार होता. बड़े लोग मौजूद थे और उकसा रहे थे “मारो हम खड़े हैं”. इससे पहले भी 5-6 घटनाएं हुई हैं. शराब की बोतलें फेंकी गई हैं. बच्चों के सिर फोड़े गए हैं. बच्चे (वाल्मीकि नगर) जाते थे उनकी टोपी नीचे फेंकी जाती थी, इससे जाहिर है कि वो बच्चों से रंजिश रखते थे. अगर अजीम कुर्ता-पायजामा और टोपीवाला नहीं होता तो ये घटना नहीं होती. अगर वो मदरसे से नहीं होता तो ये नहीं होता.
मो मुमताज अली, मदरसा टीचर

वाल्मीकि बस्ती के लोगों का कहना है कि मदरसा इस मामले में धार्मिक एंगल घुसाने की कोशिश इसलिए कर रहा है कि जिससे उस गली का इस्तेमाल वाल्मिकि बस्ती के लोग अब न कर सकें.

ये हमारा रास्ता है इस रास्ते से हमारा आना-जाना शुरु से होता आ रहा है. इस रास्ते को बंद कराने के लिए ये बहाना ढूंढ रहे थे. उस बच्चे(अजीम) के साथ हादसा हो गया. अब बढ़ा-चढ़ाकर वो इस जगह पर कब्जा करना चाहते हैं. हिंदू-मुस्लिम का कोई मुद्दा नहीं है, हमारा कभी झगड़ा नहीं हुआ है. शराब पीने, बोतलें-पत्थर फेंकने की बातें सरासर गलत है.
प्रदीप कुमार वर्मा, निवासी, वाल्मिकि बस्ती
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इन बदलते बयानों के बीच अजीम के अब्बू को बेटे की मौत की असल वजह जानने का इंतजार है. उन्होंने बेटे की मौत पर चल रही पुलिस जांच पर भी सवाल उठाए हैं.

पुलिस ने मुझे बताया था कि आपके बेटे की मौत हो चुकी है. 4 बच्चों को गिरफ्तार किया जा चुका है. उल्होंने कहा कि जिन्होंने बच्चों को झगड़े के लिए उकसाया था उसे जल्द गिरफ्तार कर लेंगे लेकिन वो मामले को दबाना चाह रहे हैं. लग रहा है कि उनपर कहीं से दबाव पड़ चुका है. जब मैं बच्चे को हॉस्पिटल लेने गया था उस समय भी पुलिस ने मुझे डराया कि आप बच्चे को आखिरी नमाज पढ़ाने मदरसा न ले जाएं बल्कि घर ले जाएं. लेकिन मैंने कहा कि “मैं अपने बच्चे को आखिरी नमाज मदरसा में ही पढ़ाना चाहता हूं. ये मेरी आखिरी तमन्ना है.”
खलील अहमद, मृतक अजीम के पिता

अजीम की हत्या की वजह क्या है? क्या ये सिर्फ बच्चों के बीच का झगड़ा था? क्या जमीनी विवाद बनी हत्या की वजह? या इसकी वजह धर्म से जुड़ी थी जैसा कि सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है. अलग-अलग बयानों के बीच ये घटना और उलझी हुई महसूस हो रही है.

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