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भारतीय मूल के सुब्रा सुरेश और अशोक गाडगिल को मिला US सर्वोच्च वैज्ञानिक सम्मान

अमेरिका में इस साल 21 लोगों को राष्ट्रीय विज्ञान पदक और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी और नवाचार पदक से सम्मानित किया गया है.

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अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने दो भारतीय-अमेरिकी वैज्ञानिकों को विज्ञान और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट काम के लिए राष्ट्रीय पदक से सम्मानित किया है. भारतीय मूल के सुब्रा सुरेश (Subra Suresh) को राष्ट्रीय विज्ञान पदक और अशोक गाडगिल (Ashok Gadgil) को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी और नवाचार पदक मिला. बाइडेन ने समारोह में कहा, "हम अमेरिका को उसका महान विज्ञान लौटाने के लिए प्रतिबद्ध हैं."

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सुब्रा सुरेश को राष्ट्रीय विज्ञान पदक

बाइडेन ने कहा कि इस साल पुरस्कार पाने वालों के लिए 'उत्‍कृष्‍ट' शब्द छोटा है. ये सभी असाधारण (Extraordinary) हैं. इन लोगों ने देश की क्षमता का विकास करने के लिए अपनी खोज से वैज्ञानिकों और इनोवेटर्स की एक पीढ़ी के लिए आगे बढ़ने का रास्ता बनाया है.

उच्च शिक्षा उद्योग और सरकार में दशकों के प्रभावशाली लीडरशिप के साथ एक वैज्ञानिक और इंजीनियर सुरेश उन नौ विजेताओं में से हैं, जिन्हें राष्ट्रीय विज्ञान पदक से सम्मानित किया गया है.

ब्राउन यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग में सीनियर प्रोफेसर और मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में नेशनल साइंस फाउंडेशन के पूर्व निदेशक सुरेश को इंजीनियरिंग, भौतिकी विज्ञान और जीव विज्ञान में अग्रणी शोध के लिए सम्मानित किया गया.

व्हाइट हाउस के एक बयान में सुरेश को "परिवर्तनकारी शिक्षक" बताते हुए कहा गया कि "सीमाओं के पार अनुसंधान और सहयोग के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने प्रदर्शित किया है कि विज्ञान कैसे लोगों और राष्ट्रों के बीच समझ और सहयोग पैदा कर सकता है".

ब्राउन यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग द्वारा जारी एक बयान में सुरेश ने कहा, "यह बहुत संतुष्टि देने वाला है". इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम रिवॉर्ड के लिए काम नहीं करते हैं, हम इसलिए काम करते हैं क्योंकि इसमें मजा आता है.

सन 1956 में भारत में जन्मे सुरेश ने 15 साल की उम्र में हाई स्कूल की परीक्षा पास की थी. अगले 10 साल में उन्होंने ग्रेजुएशन डिग्री, मास्टर डिग्री और पीएचडी हासिल कर ली थी. उन्होंने मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में केवल दो साल में पीएचडी कर ली थी.

अशोक गाडगिल को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी और नवाचार पदक

वहीं कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय और लॉरेंस बर्कले राष्ट्रीय प्रयोगशाला के अशोक गाडगिल को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी और नवाचार पदक से सम्मानित किया गया है. व्यापक रूप से "मानवतावादी आविष्कारक" माने जाने वाले गाडगिल यह सम्मान पाने वाले 12 पुरस्कार विजेताओं में से एक हैं.

व्हाइट हाउस की ओर से कहा गया, "गाडगिल का काम सभी लोगों की गरिमा और हमारे समय की बड़ी चुनौतियों को हल करने की हमारी शक्ति में विश्वास से प्रेरित है."

बता दें कि अमेरिकी कांग्रेस द्वारा 1959 में स्थापित राष्ट्रीय विज्ञान पदक सीधे राष्ट्रपति कि तरफ से दिया जाता है. यह देश की तरफ से वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है. अमेरिका के आर्थिक, पर्यावरण और सामाजिक कल्याण में सुधार के लिए प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने में उत्कृष्ट योगदान के लिए राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी एवं नवाचार पदक दिया जाता है.

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