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‘कारोबारियों के 3.5 लाख करोड़ माफ तो किसान की कर्जमाफी क्यों नहीं’

छत्तीसगढ़ चुनाव नतीजों के तुरंत बाद कर्जमाफी का बड़ा फैसला सुनाने वाले CM भूपेश बघेल इसे पॉलिटिकल स्टंट नहीं मानते.

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वीडियो एडिटर: विशाल कुमार

वीडियो प्रोड्यूसर: अभय कुमार सिंह

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छत्तीसगढ़ चुनाव नतीजों के तुरंत बाद कर्जमाफी का बड़ा फैसला सुनाने वाले सीएम भूपेश बघेल इसे पॉलिटिकल स्टंट नहीं मानते. क्विंट के खास कार्यक्रम 'राजपथ' में उन्होंने कहा कि कर्जमाफी भले ही किसानों की दिक्कत का अस्थाई समाधान हो, लेकिन इससे किसानों को फौरी तौर पर राहत मिलती है.

केंद्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए वो कहते हैं कि अगर देश के 15 उद्योगपतियों का 3.5 लाख करोड़ रुपये माफ हो सकते हैं, तो किसानों का कर्ज माफ क्यों नहीं कर सकते.

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भूपेश बघेल ने क्या कहा?

‘’मेरे प्रदेश में मान लीजिए, 16.5 लाख किसान हैं, जो कर्जदार हैं, जिनका कर्ज 6 हजार करोड़ है या 8 हजार करोड़ रुपये है, ये क्यों माफ नहीं कर सकते. कर्जमाफी से किसान तत्काल तो खड़ा हो जाता है, बड़ी राहत मिलती है.’’
भूपेश बघेल, सीएम, छत्तीसगढ़

खेती-किसानी से जुड़े रहने वाले छत्तीसगढ़ के सीएम किसान की समस्याओं के निपटारे को सरकार की प्राथमिकता बताते हैं. उनका ये भी कहना है कि छत्तीसगढ़ को ग्रामीण अर्थव्यवस्था के मॉडल के तौर पर विकसित करने का उनका इरादा है, जिसके लिए उनके पास कई योजनाएं हैं.

‘’हमारे पास योजना है कि आज पूरी दुनिया है, जो वैश्विक अर्थव्यवस्था की तरफ भाग रही है. हम लोग ग्रामीण अर्थव्यस्था कि तरफ एक मॉडल के रूप में छत्तीसगढ़ को स्थापित करना चाहते हैं. इसके लिए हमारे पास योजना है. हमने चुनाव के समय भी लोगों से वादा किया था. नारा था ‘छत्तीसगढ़ के चार चिन्हारी नावा-गरुआ-घुरवा-बारी ए लिए बचाना है संगवारी.’’
भूपेश बघेल, सीएम, छत्तीसगढ़

'सवर्ण आरक्षण भी जुमला है'

क्विंट के खास कार्यक्रम राजपथ में जब बघेल से 10% आरक्षण के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने इसे जुमला करार दिया. छत्तीसगढ़ के सीएम का कहना है कि पीएम मोदी पहले भी कालाधान वापस लाने, हर एक के अकाउंट में 15-15 लाख जमा करने जैसे जुमले देते हैं, ये उनमें से ही एक है.

'राजपथ' में छत्तीसगढ़ के सीएम का पूरा इंटरव्यू यहां देखें:

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