वीडियो एडिटर: मोहम्मद इरशाद आलम और अभिषेक शर्मा
चूंकि बहुत कम दुकानें खुली हैं और आपको घर से बाहर निकलने की अनुमति केवल ’आवश्यक सेवाओं’ तक सीमित है, तो ऐसे में कोरोनोवायरस के प्रकोप के बीच देशव्यापी लॉकडाउन में भारत के लोग क्या कर रहे हैं? द क्विंट ने पांच शहरों - कोलकाता, लखनऊ, मुंगेर, दमोह और चेन्नई में ग्राउंड जीरो से रियलिटी चेक किया.
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने शुक्रवार, 27 मार्च को कहा कि भारत में COVID-19 कंफर्म केस 724 तक बढ़ गया है, और इस बीमारी से अब तक कम से कम 17 लोगों की मौत हो गई है.
द क्विंट ने किराने की दुकानों, मेडिकल स्टोर्स और ग्राहकों से बात की, और पूछा कि वे इस लॉकडाउन के दौरान अपनी जरूरतों को कैसे पूरा कर रहे हैं.
पीएम मोदी ने कोरोनोवायरस के प्रसार को रोकने के लिए, 25 मार्च मध्यरात्रि से 21 दिन के राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू की घोषणा की थी.
चेन्नई में ज्यादातर दुकानें खुली थीं, बहुत कम लोगों को सड़क पर देखा जा सकता था. इसके अलावा, दुकानदारों ने कहा, एक समय में केवल एक-दो ग्राहकों को ही दुकान में प्रवेश करने की अनुमति है.
कोलकाता में, सब्जी विक्रेताओं ने कहा कि उन्हें अपना माल को बिक्री के लिए लाने में कोई समस्या नहीं है. जबकि, एमपी के दमोह और बिहार के मुंगेर में ज्यादातर दुकानें बंद हैं.
लखनऊ में, एक किराना विक्रेता ने द क्विंट के रिपोर्टर को बताया कि स्टोर में खाद्य आपूर्ति की कमी है, खासकर खाद्य तेल, आटा और चावल जैसी वस्तुओं की.
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