अगस्तावेस्टलैंड मामले में क्विंट की पड़ताल में कई राज खुले. दिसंबर 2018 में इस केस के मुख्य आरोपी क्रिश्चियन मिशेल का दुबई से प्रत्यर्पण किया गया. एजेंसियों के मुताबिक, मिशेल ने नेताओं, ब्यूरोक्रेट और रिटायर्ड एयरफोर्स अफसरों को घूस दी थीे. क्विंट ने इस पूरे मुद्दे पर गुइडो हैशके से Exclusive बातचीत की है. हैशके और मिशेल ने अगस्तावेस्टलैंड मामले में बिचौलिए का काम किया था. डील के तहत देश ने 12 VVIP हेलिकॉप्टर खरीदे थे. 3,600 करोड़ की इस हेलीकॉप्टर डील के बिचौलिए हैशके ने क्विंट के साथ इंटरव्यू में कई चीजों का खुलासा किया.
पहला खुलासा
'विवादित नोट में लिखा ‘AP’ क्या या कौन है, नहीं पता'
इटली की कोर्ट में अभियोजन पक्ष ने आपको अहमद पटेल की तस्वीर क्यों दिखाई?
प्रॉसिक्यूटर दरअसल ये बताने की कोशिश कर रहा था, जहां तक मुझे लगता है कि कुछ भारतीय अधिकारियों से बातचीत करके उन्हें लगा कि AP का मतलब अहमद पटेल हो सकता है. तो उन्होंने मुझे उलझाने की कोशिश की और मुझे बगैर बताए उस तस्वीर को पहचानने के लिए कहा गया. लेकिन, क्योंकि मैं उस व्यक्ति से कभी मिला नहीं था, मुझे नहीं पता था कि वो कौन है. मैं उसे नहीं पहचान पाया, मैं उनके जाल में नहीं फंसा. उन्हें मुझसे कुछ भी हासिल नहीं हुआ
दूसरा खुलासा
'नोट में लिखे 'Fam' का मतलब गांधी फैमिली नहीं. गांधी परिवार का अगस्तावेस्टलैंड से कोई लेना देना नहीं'
क्या नोट में ‘Fam’ का मतलब फैमिली है?
मेरे हिसाब से इसका मतलब फैमिली ही है लेकिन फिर भी उसने कभी भी इस बारे में ज्यादा नहीं बताया. गांधी परिवार के साथ संबंध के जो भी दावे किए जा रहे हैं, मेरे विचार से पूरी तरह बेकार की बात है. मैंने प्रशांत (उनके वकील) को एक आर्टिकल भेजा था, जिसमें गांधी परिवार के साथ मेरे कथित संबंधों के बारे में लिखा था. मैंने कभी भी किसी से फोन पर बात नहीं की, परिवार से तो क्या परिवार के किसी करीबी से भी बात नहीं की. मेरा उनके साथ कोई संबंध नहीं था
हैशके और मिशेल दोनों अगस्तावेस्टलैंड डील में बिचौलिए थे. हैशके के मुताबिक, मिशेल ने उससे नोट लिखवाया था, जिसमें कुछ रहस्यमयी एक्रॉनिम्स थे
ये नोट आप क्यों लिख रहे थे, मिशेल क्यों नहीं? जब आप ये नोट लिख रहे थे उस वक्त आपके और मिशेल के बीच क्या बातचीत हुई थी?
मिशेल हमेशा मुझसे और दूसरों से ये बात कहते थे कि उन्हें डिसलेक्सिया बीमारी है और उन्हें लिखने में दिक्कतें आती हैं. तो उन्हें किसी की जरूरत रहती थी. शायद यह नोट यह दिखाने के लिए था कि वह (मिशेल) इस सौदे के बारे में कितना सोचता था. उसे इसके लिए कितना खर्च करना पड़ा और उसने इसमें कितना वक्त लगाया है और कितनी कोशिश की. शायद ये इस सौदेबाजी में मेरी भूमिका को कम करने और अपनी अहमियत बढ़ाने के लिए था. इसके जरिये वह खुद को बड़ा दिखाना चाहता था.
क्या आप इस नोट के बारे में विस्तार से और कुछ बता सकते हैं? नोट में ‘पॉलिटिकल’ और ‘डिफेंस’ जैसे तीन अलग-अलग सेक्शन हैं.
इस नोट में कई एक्रॉनिम्स थे. कुछ एक्रॉनिम्स थे और कुछ एब्रिविएशन. जैसे-जैसे ये नाम मुझे बताए जाते थे मैं इन्हें नोट करता जाता था. मिशेल का यह दावा अजीब था कि मैंने ये नाम अपनी ओर से नोट में लिख दिए ताकि जांच करने वाले इन्हें पकड़ लें. मैं ऐसी मूर्खता क्यों करूंगा.
क्या उन्होंने आपको बताया कि AP और Fam का क्या मतलब है?
जैसा कि मैंने कोर्ट में कहा था, उस नोट को लिखने के बाद मैंने मिशेल से कहा कि मेरा इससे कुछ लेना देना नहीं है. मैंने सिर्फ डिक्टेशन लिया है. बस इतना ही मतलब है. मैंने इस नोट को अपने पास इसलिए रखा क्योंकि मैं अपने साथ एक सबूत रखना चाहता था कि अगर कुछ गलत होता है तो साबित कर सकूं कि यह मेरी तरफ से नहीं था. लेकिन उस दिन के बाद से मैंने मिशेल से बातचीत के सारे रास्ते बंद कर लिए. उसके बाद से, मैंने अपने साथी कार्लोस गेरोसा से भी कहा कि मेरे पास इस शख्स के साथ शेयर करने के लिए कुछ भी नहीं है.
'ये नोट साल 2012 में हैशके की मां के घर से स्विस पुलिस ने बरामद किया था'
जैसा कि आपने कहा कि ये महज एक कागज का टुकड़ा था और किसी काम का नहीं था, फिर भी आपने इसे अब तक संभालकर रखा है?
मैंने इसे संभालकर रखा, क्योंकि अगर मेरे साथ कुछ भी होता है तो कम से कम मैं अपने पार्टनर्स को कुछ दिखाने लायक रहूं, सब मिशेल का किया-धरा है और निश्चित तौर पर मेरा इससे कुछ लेना-देना नहीं है.
क्या हो सकता था? क्या आप इसे समझा सकते हैं?
अगर मिशेल ने यह दावा किया है, तो ठीक है. उसने जो भी किया है, मैं उसके बारे में कुछ नहीं जानता. मिशेल से मैंने खुद को अलग किया है. अगर मुझे कभी इसके बारे में बताना होगा तो मैं इन कागजों को सबके सामने रख कर बताऊंगा कि क्यों मैंने उससे (मिशेल) खुद को अलग कर लिया.
हैशके का दावा इटली के प्रॉसिक्यूटर ने उस पर आजमाई थी कांग्रेस नेता अहमद पटेल का नाम लेने की ‘ट्रिक’
हैश्के ने क्विंट को बताया कि:
‘मुझसे ‘AP’ लिखवाया गया था. मिशेल ने मुझे यह लिखवाया था. जब मैं इस मामले में गवाह था और इटेलियन वकील ने कोर्ट मेरे चेहरे का सामने एक भारतीय आदमी की तस्वीर रख दी. उन्होंने मेरी तरफ देखते हुए कहा कि तुम इस आदमी को जानते हो. जानते हो ना? मैंने कहा-नहीं. मैं इस तस्वीर को और उस चेहरे को जिंदगी में पहली बार देख रहा था. मेरा जवाब सुनकर उनके चेहरे का रंग बदल गया क्योंकि जो तस्वीर उन्होंने मुझे दिखाई थी वो अहमद पटेल की थी, उन्होंने ही मुझे ये बताया. वो खुद को आश्चर्यचकित दिखाकर मुझे फंसाने की कोशिश कर रहे थे. मुझे सच में नहीं पता था कि वो आदमी था कौन.
इसे रिकार्ड में लिया गया लेकिन कुछ निकल कर नहीं आया. असल बात ये है कि प्रॉसिक्यूटर ने पहले सोचा था कि वो एक्रॉनिम (शॉर्टफॉर्म) किसी राजनीतिक पार्टी की है. और फिर मेरे ख्याल से उन्होंने कुछ जांच एजेंसियों से बात की होगी, जिसके बाद उन्हें लगा कि ‘AP’ वो व्यक्ति (अहमद पटेल) हो सकता है. लेकिन शुरुआत में उन्हें ये ही लगा था कि वो एक्रॉनिम किसी राजनीतिक पार्टी के लिए है.गुइडो हैशके
उन्होंनेआगे बताया कि: ‘इटेलियन कोर्ट ने अपने फैसले में उस कागज के टुकड़े का संदर्भ दिया था और कहा था कि इसे सूबत के तौर पर नहीं देखा जा सकता क्योंकि ये अस्पष्ट था और इसे किसी भी और दस्तावेज के साथ जोड़कर नहीं देखा जा सकता, ये कुछ भी हो सकता है. दरअसल, उनका कहना था कि ये एक कागज का टुकड़ा है और उसके अलावा और कुछ भी नहीं था जो वहां लिखे हुए का समर्थन कर सके.’
मिशेल फिलहाल भारतीय एजेंसियों की गिरफ्त में है उसे 2 दिसंबर 2018 को दुबई से प्रत्यर्पित कर लाया गया था
मैं मिशेल पर बिलकुल भी भरोसा नहीं करता: गुइडो हैशके
वो खुद के ओहदे को बढ़ाकर दिखाने वाले और खुद को महत्वपूर्ण बताने वाले हैं, इसलिए दूसरों का नाम लेना और डींग हांकना उनके खेल का हिस्सा है जो अब उनपर भारी पड़ रहा है, लोगों के नाम लेना उनकी खासियत हैगुइडो हैशके
फिलहाल, हैशके स्विट्जरलैंड में मिशेल को बता रहे हैं गैर-भरोसेमंद लेकिन वो इसकी पुष्टि नहीं करते कि मिशेल ने भारतीय नेताओं और ब्यूरोक्रेट्स को घूस दी है
क्या नेताओं, ब्यूरोक्रेट्स या एयरफोर्स के किसी अधिकारी को कमीशन मिला?
वो (मिशेल) जो भी बोल रहा था, मैंने उसपर एक पल के लिए भी भरोसा नहीं किया क्योंकि वो कहते कुछ हैं और होता कुछ और ही है, उसकी बातें सही नहीं होती हैं तो मुझे नहीं पता कि ये कोई तरीका है जो भारत समेत पूरी दुनिया में इस तरह के बिजनेस में इस्तेमाल होता है आप किसी कंपनी को कहते हैं कि आपको किसी को पेमेंट करनी है, और उसके लिए आपको पैसों कि जरूरत है, और फिर आप पैसे खा जाते हैं, मैं ये नहीं कह रहा कि उन्होंने ऐसा ही किया, लेकिन ये इसको समझने का एक और तरीका हो सकता है. शायद उन्हें कोई पेमेंट करनी ही न हो, मैं ये दावा नहीं कर सकता कि उन्होंने नेताओं, ब्यूरोक्रेट्स को किसी और को पेमेंट किया है, उन्होंने बहुत लोगों से बात की, आप जितने लोगों से चाहे उतने लोगों से बात कर सकते हैं ताकि उन लोगों को जानकारी रहे लेकिन इस मुद्दे पर कभी ये बात कभी वो बात करना, वो भी बिना किसी वजह के, ये बकवास है ये काम किसी को भी शांति से करना चाहिए और इसे बिलकुल प्रोफेशनल लेवल पर करना चाहिए
क्या वो भारत में कुछ लोगों से बात कर रहे थे? क्या आप ये कहना चाह रहे हैं?
हां, वो यहां भारत में कई लोगों से बात कर रहे थे मुझे लगता है कि उन्होंने एक समय पर ये भी कह दिया था कि उन्होंने रिटायर्ड एयरफोर्स ऑफिसर और ब्यूरोक्रेट्स को भी अपने साथ काम करने के लिए रखा है जो गलत नहीं है, ये बहुत अच्छा है कि एक्सपीरियंस वाले लोग आपके साथ हैं ये बहुत मददगार साबित होता है क्योंकि इससे संभावित गलतियां कम होती हैं
“मिस्ट्री नोट’ में पैसे कि जानकारी मिशेल का 'काल्पनिक चित्रण’
नोट में जो अमाउंट बताया गया है, क्या मिशेल ने कभी कहा किये अमाउंट डील के कमीशन के तौर पर दिया जाएगा?
वो मुझे समझाने कि कोशिश कर रहे थे कि उन्होंने कीमत बरकरार रखी है
क्या कीमत?
इस प्रोजेक्ट को चलाने की लागत, उसे पैसे खर्च करने होते थे ये मेरा नजरिया है कि क्या ये ‘काल्पनिक चित्रण’ इसलिए था क्योंकि वो अपने आप को बढ़ाकर दिखाना चाहते थे इतने खतरनाक तरीके से जैसा कि हम देख सकते हैं और इसीलिए मैंने अपनी कंपनियों को अलग कर दिया. वो अपने आप को बढ़ाना चाहता था कि ‘देखो मैं (मिशेल) कितना बड़ा आदमी हूं, इसको पेमेंट देना होगा उसको पेमेंट देना होगा’ वो मुझे इन सब पर विश्वास दिलाना चाहता ता मैंने भरोसा नहीं किया नहीं किया कि वो सच बोल रहा है और मैं आपको बताता हूं कि मैं उसकी बात का भरोसा क्यों नहीं करता मिशेल ने कई बार कंपनी (अगस्तावेस्टलैंड) और चेयरमैन से लिखित बातचीत में कुछ बातें कहींजो बाद में गलत और झूठ साबित हुईं हैं
आप ऐसा क्यों कह रहे हैं?
वो कहता था कि ऐसा होगा - वैसा होगा लेकिन वो चीजें कभी नहीं हुई और अब उनके कई फैक्स ऐसे हैं, जो अमल में नहीं आ सकते
पूर्व एयर चीफ एसपी त्यागी बेकसूर हैं: गुइडो हैशके
जब अक्टूबर 2017 में आखिरी बार मुझसे कोर्ट में पूछताछ हुई, मैं वहां गवाह के तौर पर था और मुझसे बार-बार बीसियों बार पूछा गया कि ‘’क्या आपने शशि त्यागी को कोई पेमेंट किया है, क्या आपने कोई भ्रष्टाचार किया है?’’ और मैंने बार-बार यही कहा कि मैंने किसी को भी पैसे नहीं दिएगुइडो हैशके
हैशके के मुताबिक इटली की कोर्ट में प्रॉसिक्यूटर के पास एसपी त्यागी के खिलाफ कोई सबूत नहीं था
जैसा कि मैंने अदालत में शपथ लिया था, अगर किसी कारण से कुछ विपक्ष में सबूत मिलता या किसी गवाह का कोई बयान होता या कुछ और होता, तो मुझे गलत बयान देने के लिए अदालत में गिरफ्तार किया गया होता, लेकिन वास्तव में, अदालत ने मेरे बयान को सही माना और इसे फैसले का आधार बनायाजैसा कि हम बर्लुस्कोनी केस में देख चुके हैं, वहां गवाह थे जिन्होंने कुछ ऐसा कहा जिससे बर्लुस्कोनी पर लगे आरोप गलत साबित हो रहे थेप्रॉसिक्यूशन ने तुरंत गवाहों का बयान लिया और ये संकेत दिए कि वो छूठी गवाही दे रहे हैं, वो मेरे साथ भी ऐसा कर सकते थे, अगर उनके पास कोई कारण होता लेकिन उन्होंने नहीं कियागुइडो हैशके
हैशके का कहना है कि तोल-मोल के लिए उनकी मुलाकात दिल्ली में एसपी त्यागी से हुई थी, त्यागी के खिलाफ घूस लेने के आरोप शर्मनाक हैं: हैशके
जहां तक त्यागी का सवाल है, ऐसी कोई बात ही नहीं हैक्योंकि ऐसा कहा जाना बिलकुल भी गलत है कि त्यागी ने पैसे लिए हैं, क्योंकि उन्होंने लिए ही नहींऔर ये शर्म की बात है कि हर अखबार में हर वक्त इस बात को बढ़ावा दिया गयाक्योंकि उस शख्स ने कुछ भी गलत नहीं किया हैऔर ये मैं इसलिए कह सकता हूं क्योंकि मैं था वहां पर ऐसा कभी नहीं हुआ जिससे अंदेशा हो कि उन्होंने कभी किसी की मदद की होमैं दिल्ली में थाजब हमारे बीच तोल-मोल चल रहा था, मैं वहां कई दफा थाएयर चीफ से मेरी मुलाकात कई बार हुई और जैसा कि मैंने पहले कहा कि उन्होंने ऐसाकुछ भी नहीं कहा या किया जो थोड़ा भी गलत होगुइडो हैशके
दिसंबर 2016 में एयर चीफ पर घूस लेने के आरोप में चार्जशीट दाखिल हुई, लेकिन बाद में उन्हें जमानत मिल गई.
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