लोकसभा चुनाव से पहले लगातार राजनीतिक समीकरण बदल रहे हैं. इसी क्रम में अब एक और पार्टी ने एनडीए का दामन छोड़ने का फैसला लिया है. इस बार असम गण परिषद (एजीपी) ने एनडीए से दूरी बनाई है. पार्टी अध्यक्ष अतुल बोरा ने इसकी आधिकारिक घोषणा की. लंबे समय से असम नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर बीजेपी के साथ चल रहे संघर्ष के बाद पार्टी ने यह फैसला लिया है.
बीजेपी से नाराजगी
बताया जा रहा है कि पिछले लंबे समय से एजीपी असम नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर बीजेपी से बातचीत कर रही थी. जिस पर दोनों में गतिरोध बना हुआ था. लेकिन आखिरकार सोमवार को गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात के बाद अतुल बोरा ने बीजेपी से गठबंधन तोड़ने का फैसला लिया. इससे ठीक पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि उनकी सरकार प्रस्तावित नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2016 को संसद में मंजूरी दिलाने की तरफ काम कर रही है.
केंद्र को मनाने की आखिरी कोशिश नाकाम
गृहमंत्री से मुलाकात के बाद, बोरा ने कहा कि हमने इस विधेयक को पारित नहीं कराने के लिए केंद्र को मनाने की आखिरी कोशिश की थी, लेकिन ये नाकाम साबित हुई. हमें बताया गया कि इसे मंगलवार को लोकसभा में पारित कराने की कोशिश होगी. इसके बाद एनडीए में रहने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है. इससे पहले पार्टी के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री प्रफुल्ल कुमार महंत ने भी इसी तरह का बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि अगर नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2016 लोकसभा में पारित होता है तो उनकी पार्टी सरकार से समर्थन वापस ले लेगी.
क्या है नागरिकता (संशोधन) विधेयक
यह विधेयक नागरिकता कानून 1955 में संशोधन के लिए लाया गया है. यह विधेयक कानून बनने के बाद, अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्म के मानने वाले अल्पसंख्यक समुदायों को 12 साल के बजाय 6 साल भारत में गुजारने और बिना उचित दस्तावेजों के भी भारतीय नागरिकता मिल सकेगी. पूर्वोत्तर राज्यों में इस विधेयक के खिलाफ लोगों का बड़ा तबका प्रदर्शन कर रहा है. कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, माकपा समेत कुछ अन्य पार्टियां लगातार इस विधेयक का विरोध कर रही हैं. उनका दावा है कि धर्म के आधार पर नागरिकता नहीं दी जा सकती है और यह असंवैधानिक है.
कांग्रेस भी कर रही विरोध
नागरिकता (संशोधन) विधेयक के विरोध में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने गुवाहाटी में मशाल लेकर मार्च निकाला. इसमें राज्य के कांग्रेस नेताओं ने भी हिस्सा लिया.
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