पिछले करीब 11 महीने से किसान (Farmers Protest) दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं. केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का ये आंदोलन लगातार जारी है. लेकिन सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद अब आंदोलन को लेकर तमाम तरह की बातें हो रही हैं, कहा जा रहा है कि किसान अब उठने लगे हैं. इसी की सच्चाई जानने के लिए हम दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे.
किसानों ने कहा- पहले की तरह डटे हैं
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में अपनी टिप्पणी में कहा था कि किसानों को विरोध प्रदर्शन का हक है, लेकिन वो सड़क जाम नहीं कर सकते हैं. गाजीपुर बॉर्डर पर एनएच-9 पर सैकड़ों किसान बैठे हैं. जब हमने किसानों से पूछा कि क्या वो लोग वाकई में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद अपने टेंट हटाने लगे हैं?
इस पर किसानों की तरफ से एक बार फिर साफ किया गया कि बॉर्डर पुलिस ने जाम किए हैं, उन्होंने नहीं. रास्ता दिल्ली पुलिस ने रोका है. किसान पहले की तरह डटे हैं. अगर पुलिस रास्ता खोल देती है तो हम आगे बढ़ जाएंगे.
हमें दिल्ली जाने से रोका जा रहा- किसान
गाजीपुर बॉर्डर पर पिछले 11 महीने से रह रहे किसान सतपाल ने बताया कि, आप लोग खुद देख लीजिए कि किसान किसका रास्ता रोक रहे हैं. किसानों को दिल्ली जाने से यहां पर रोका गया.
गाजीपुर बॉर्डर पर हमने देखा कि किसान अब भी पहले ही की तरह आराम से वहां बैठे हैं और टेंट नहीं हटाए गए हैं. वहीं किसान भी इस बात पर अड़े हैं कि जब तक उनकी मांगों को नहीं माना जाता है, तब तक वो हटने नहीं जा रहे हैं.
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