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लालू होते तो और बात होती,बेटों से नहीं होगाःचिराग पासवान Exclusive

चिराग पासवान ने कहा कि वो इस बार जमुई में किए गए कामों के आधार पर चुनाव लड़ रहे हैं.

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वीडियो एडिटर: अभिषेक शर्मा

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लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान इस बार भी बिहार के जमुई से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. अभिनेता से नेता बने चिराग पासवान ने 2014 के लोकसभा चुनावों में आरजेडी के उम्मीदवार सुधांशु शेखर को 85,000 वोटों से हराया था.

इस बार का लोकसभा चुनाव चिराग पासवान किन मुद्दों पर लड़ रहे हैं और लालू प्रसाद के चुनाव न लड़ने पर क्या है उनका कहना, क्विंट ने जमुई में की उनसे बात.

जिस तरह से मेरा पिछले पांच साल का कार्यकाल रहा है, कई ऐसी बड़ी योजनाएं हैं जिन्हें धरातल पर उतराने में सफल रहा हूं. तो ये मुझे विश्वास दिलाती हैं कि इस बार चिराग जलेगा.
चिराग पासवान, सासंद

चिराग के नाम पर, चिराग के काम पर

चिराग पासवान का कहना है कि वो इस बार जमुई में किए गए कामों के आधार पर चुनाव लड़ रहे हैं. 'मुझे लगता है कि जनता का समर्थन मेरे साथ है. नरेंद्र मोदीजी दुनिया के सबसे ताकतवर नेता हैं. उनका अपना वर्चस्व है, पर उसके साथ-साथ मैंने भी काम किया है. मेरे काम की सराहना नीति आयोग ने की है.'

लालू यादव चुनाव से गायब, क्या मिलेगा फायदा?

इसपर पासवान ने कहा, ‘फायदा तो हो रहा है. महागठबंधन को गलत तरह से हैंडल किया जा रहा है. लालू जी होते तो महागठबंधन की हालत बेहतर होती.’

राहुल गांधी के दो जगह (वायनाड और अमेठी) से चुनाव लड़ने पर चिराग पासवान ने कहा,

राहुल गांधी कितनी जगह से चुनाव लड़ रहे हैं, ये मेरे एजेंडे में नहीं है. इतिहास में कई दिग्गज नेताओं ने 3-3 जगह से चुनाव लड़ा है. मुझे नहीं लगता कि इसे कोई राजनीतिक मुद्दा बनाना चाहिए.

संसदीय बोर्ड का सुझाव था कि पिता चुनाव न लड़ें

पिता और पार्टी अध्यक्ष राम विलास पासवान के इस बार लोकसभा चुनाव न लड़ने पर चिराग पासवान ने कहा,

‘ये लोक जनशक्ति पार्टी के संसदीय बोर्ड का ही सुझाव था कि हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनाव न लड़ें, क्योंकि हम लोगों का एक मजबूत जनाधार है. जब वो लोकसभा का चुनाव लड़ते हैं तो अपने क्षेत्र में सीमित होकर रह जाते हैं और उनका हम उतना उपयोग नहीं कर पाते. इसलिए पार्टी का सुझाव था की उन्हें राज्यसभा के माध्यम से संसद जाना चाहिए.’

एक्टिंग ज्यादा मुश्किल!

चिराग पासवान से जब पूछा गया कि राजनीति और एक्टिंग में से ज्यादा क्या है मुश्किल है, तो उनका जवाब था एक्टिंग. उन्होंने कहा, ‘मैंने बचपन से राजनीति देखी है. बहुत सहजता से ये आया. मेरे अंदर भी मेरे पिता के जींस हैं. एक्टिंग में मैं डायलॉग छोड़, अपने डायलॉग बोलने लगता था.’

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