वीडियो एडिटर: मोहम्मद इब्राहीम
पुरातत्व विभाग उत्तर प्रदेश की तीन वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स में 'ब्रेस्ट फीडिंग रूम' बनाएगा. इसमें आगरा का ताजमहल, फतेहपुर सिकरी और आगरा फोर्ट शामिल हैं. इसका मकसद सार्वजनिक जगहों पर ब्रेस्ट फीडिंग को लेकर लोगों की सोच बदलना है.
टाइम्स ऑफ इंडिया ने ASI के हवाले से कहा है कि, 'ये सुविधा देश के स्मारकों में पहली बार दी जाएगी'
मैंने देखा एक महिला अपने नवजात बच्चे को सीढ़ियों पर दूध पिला रही थी. उसका पति उसे कवर कर रहा था. ताज महल को देखने लाखों लोग आते हैं, तो मुझे वो देख कर थोड़ा अजीब लगा.वसंत कुमार, सुप्रिटेंडेंट, एएसआई
देशभर में ऐसा होना चाहिए. खुले में स्तनपान कराने में असुविधा होती है. मेरा कहना है कि हर जगह मंदिर-मस्जिद में या कहीं भी महिलाओं के लिए ये सुविधा होनी चाहिए.सीमा, पर्यटक
अधिकारियों के मुताबिक इसके लिए जगह चुनने का काम कुछ समय पहले शुरू हो गया था. इसके लिए स्पेशल रूम बनाए जाएंगे, जो 2 महीने में तैयार हो जाएंगे. बेबी फीडिंग रूम में बेसिक सुविधाएं जैसे - लाईट, पंखा, कुर्सी और एक टेबल दी जाएगी.
स्मारक की कुछ लिमिटेशन है. हम वहां कुछ नया नहीं बना सकते तो स्मारक की ही जो जगह है उसमें हम ये सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं. हमारी कोशिश है कि जो बेसिक जरूरत है, उसे हम पूरा कर सकें.वसंत कुमार, सुप्रिटेंडेंट, एएसआई
दुनियाभर से खबरें आई हैं कि सार्वजनिक जगहों पर दूध पिलाने से महिलाओं को रोका गया है, कई बार उन्हें किसी और जगह जाकर दूध पिलाने को कहा गया है. ऐसे में महिलाओं की इस समस्या को ध्यान में रखते हुए ASI का ये कदम काबिल-ए-तारीफ है.
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