मोदी सरकार के अंतरिम बजट को शेयर बाजार ने थम्स अप दिया है. मार्केट के एक्सपर्ट नीलेश शाह और सौरभ मुखर्जी के मुताबिक ये स्मार्ट बजट है क्योंकि इसमें सबको कुछ ना कुछ मिला है.
उनके मुताबिक शेयर बाजार में एफएमसीजी और ऑटो जैसी कंपनियों को इससे फायदा होगा. इससे खपत बढ़ेगी और लोग ज्यादा खर्च करेंगे.
निवेशकों के लिया क्या खास है इस बजट में?
मार्केट एक्सपर्ट और मार्सेलस के फाउंडर सौरभ मुखर्जी के मुताबिक फिस्कल डेफिसिट कम करने से शेयर बाजार खुश होगा. छोटे किसानों और इनकम टैक्स में छूट से अगले 3 से 4 महीने में जमकर नकदी आएगी जिससे गांवों में खपत वाली कंपनियों जैसे तेल, खाद्य, साबुन कंपनियों को फायदा होगा.
लेकिन सौरभ मुखर्जी ने निवेशकों को चेतावनी दी है कि कभी भी सिर्फ बजट ऐलानों के आधार पर स्टॉक न खरीदें इससे नुकसान का खतरा है.
बजट के आधार पर शेयर मार्केट में निवेश एक खतरनाक इन्वेंस्टमेंट स्ट्रेटेजी है, इससे बचें.सौरभ मुखर्जी, विशेषज्ञ
कौन से निवेश से फायदा होगा?
मोदी सरकार ने वादा किया है कि मौजूदा वित्तीय साल में फिस्कल डेफिसिट जीडीपी का 3.4 परसेंट और अगले वित्तीय साल में 3.1 परसेंट से ऊपर नहीं जाने दिया जाएगा. इसका मतलब है कि सरकार बाजार से कम रकम उधार लेगी और इससे सिस्टम में ज्यादा नकदी उपलब्ध रहेगी.
इसका नतीजा ये होगा कि रिजर्व बैंक के पास रेट कटौती की काफी गुंजाइश रहेगी. रेट कटौती से ऑटो सेक्टर और रियल एस्टेट सेक्टर को सबसे ज्यादा फायदा होगा.
चिंता की बात?
सौरभ मुखर्जी के मुताबिक फिस्कल डेफिसिट के कैलकुलेशन तथ्यों पर आधारित नहीं है. उनके मुताबिक वित्तमंत्री का अगले वित्तीय साल तक विनिवेश के जरिए 80,000 करोड़ जुटाने का लक्ष्य भी कुछ ज्यादा ही है. इसी तरह GST कलेक्शन का जो अनुमान सरकार ने लगाया है वो भी ज्यादा है.
कोटक महिंद्रा म्यूचुअल फंड AMC के एम डी एक्सपर्ट नीलेश शाह के मुताबिक खपत बढ़ने से अधिक निवेश की संभावना है.
क्विंट हिंदी से बात करते हुए एक्सपर्ट नीलेश शाह ने गिनवाए इसके फायदे :
- खर्चे नहीं बढ़ाए हैं यही सबसे बड़ी बात है बजट की
- निवेशकों को ग्रोथ कम होने की आशंका थी
- बजट खपत को बढ़ाने वाला है इससे ग्रोथ बढ़ेगी
- निवेश को बढ़ाने वाला बजट होगा
- कर्ज सस्ता होने के आसार इससे निवेश बढ़ेगा
- टैक्स कलेक्शन का लक्ष्य डायरेक्ट टैक्स में पूरा हो जाएगा
- इन डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन चुनौती बना रहेगा
- अगले साल विनिवेश या संपत्ति को बेचकर रकम जुटाए तभी फायदा
- सरकारी कंपनियों का विनिवेश करेंगे तो ज्यादा पैसा आएगा
- सरकार के पास इतनी ज्यादा संपत्ति है कि उससे लाखों करोड़ जुटाए जा सकते हैं
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