पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी कुछ ही देर में नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यक्रम को संबोधित करेंगे. देश के राजनीतिक गलियारे में इस बात की चर्चा गर्म है कि आखिर प्रणब वहां क्या बोलेंगे. वह आरएसएस को नसीहत देंगे या उसकी तारीफ करेंगे.
द क्विंट के एडिटोरियल डायरेक्टर संजय पुगलिया से जानिये आखिर प्रणब वहां कहेंगे और उनके राजनीतिक मायने क्या होंगे.
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इतने बड़े राजनेता और वो भी हमेशा से कांग्रेस में रहे नेता और पूर्व राष्ट्रपति का आरएसएस के कार्यक्रम में जाना बेहद बड़ी घटना है. प्रणब मुखर्जी का जाना महत्वपूर्ण है, क्या बोलेंगे से ज्यादा ये अहम है. प्रणब मुखर्जी समझाने की कोशिश करेंगे कि लोकतंत्र में सबसे बात करना जरूरी है. संघ के कार्यक्रम में प्रणब मुखर्जी को बुलाने का मकसद ये भी है कि आरएसएस की सभी वर्गों में स्वीकार्यता बनाई जाए. ये 2019 के आम चुनावों के लिए माहौल बनाने की कोशिश है. अगर प्रणब मुखर्जी ने नागपुर जाने का फैसला नहीं किया होता तो संघ को इतनी कवरेज नहीं मिलतीसंजय पुगलिया
आरएसएस के शिक्षा विभाग के कार्यक्रम में 45 साल से कम उम्र के 800 से ज्यादा कार्यकर्ताओं के 25 दिन से चल रहे कैंप का समापन पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी करेंगे. वो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ तृतीय वर्ष ओटीसी (ऑफिसर्स ट्रेनिंग कैंप) के भावी स्वयंसेवकों को संबोधित करेंगे.
नागपुर के रेशमबाग मैदान में हो रहे इस कार्यक्रम में प्रणब न सिर्फ मुख्य अतिथि बन रहे हैं बल्कि वो आरएसएस के पासिंग आउट कार्यक्रम में भी शामिल होंगे और फिर भाषण देंगे.
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