मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव (MP Assembly Election) के लिए कांग्रेस (Congress) के चुनावी अभियान का आगाज हो गया है. सोमवार, 12 जून को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने जबलपुर से चुनावी अभियान का शंखनाद किया. सबसे पहले प्रियंका ने जबलपुर में ग्वारीघाट पहुंचकर नर्मदा पूजन किया. इसके बाद उन्होंने एक जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा तो साथ ही जनता से पांच वादे भी किए.
'BJP ने 220 महीनों के शासन में 225 घोटाले किए'
प्रियंका गांधी ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर प्रदेश की बीजेपी सरकार को जमकर घेरा. उन्होंने कहा कि मोदी जी ने जो गालियों की लिस्टी निकाली थी, उससे लंबी तो घोटालों की लिस्ट है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इन्होंने (बीजेपी) नर्मदा मैया और महाकाल कॉरिडोर को भी नहीं छोड़ा. BJP ने 220 महीनों के शासन में 225 घोटाले किए हैं.
"धर्म में जो आस्था होती है, इस तरह की आस्था राजनीति में भी होनी चाहिए. इस तरह की आस्था नेताओं के दिलों में जनता और देश के प्रति भी होनी चाहिए. जिन्होंने हमारी स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ी, मैं दावे के साथ कह सकती हूं, उनके दिलों में इस तरह की आस्था थी. कुछ लोगों ने अपना सर्वस्व न्योछावर करके स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ी."प्रियंका गांधी
इसके साथ ही प्रियंका ने सवाल किया कि "आज की राजनीति में वो आस्था क्यों नहीं है? ये कर्मकांड क्यों बन गया है? चुनाव के समय में घोषणाएं कर दी जाती हैं, तमाम तरह के वादे किए जाते हैं. लेकिन जो वादा करता है उसमें उसकी खुद की आस्था नहीं है. उसका खुद का विश्वास नहीं होता. बड़े-बड़े वादे करके चुनाव जीत तो जीते हैं, लेकिन उसको पूरा करने की कोशिश नहीं होती."
प्रियंका गांधी ने किया 5 गारंटियों का ऐलान
प्रियंका गांधी ने कहा कि "हम आपके सामने कुछ ऐसी गारंटी लाए हैं, जिसे हम 100% लागू करेंगे. ये मेरा वादा है आपको. यही वादा मैंने कर्नाटक में किया. यही वादा कर्नाटक के नेताओं ने किया. राहुल गांधी जी ने किया और कर्नाटक की सरकार बनते ही वहां की कैबिनेट ने पास किया."
हर महीने महिलाओं को 1500 रुपए दिए जाएंगे
गैस सिलेंडर 1000 का नहीं, 500 रुपए का मिलेगा
100 यूनिट बिजली फ्री, 200 यूनिट हॉफ होगी
मध्यप्रदेश में पुरानी पेंशन योजना लागू करेंगे
किसानों का कर्ज माफ करेंगे
'हम सबके लिए धर्म से बड़ा कुछ नहीं'
प्रियंका ने अपने भाषण में धर्म का मुद्दा भी उठाया. बीजेपी पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि, "केंद्र में 9 साल हो रहे हैं. आपके प्रदेश में 18 साल हो रहे हैं. ये राजनीति बहुत आगे बढ़ चुकी है. जो आपको नकार रही है. आपकी जरूरतों को नकार रही है. हर बार आपके जज्बातों को उभारा जाता है, इधर-उधर की बात की जाती है." इसके साथ ही उन्होंने कहा,
"हम भारतीय हैं. हम सबके लिए धर्म से बड़ा कुछ नहीं है. हमारी आस्था से बड़ा कुछ नहीं है. चाहें हम किसी धर्म के हों, हम उसे दिल से मानते हैं, वो हमारे लिए सर्वोपरि है. लेकिन उसका मतलब ये नहीं है कि पब्लिक को बहकाया जाए. पब्लिक के जज्बातों को उभार कर वोट मांगा जाए. और अगर नेता ऐसा कर रहा है, या एक राजनीतिक दल बार-बार ऐसा कर रहा है कि चुनाव का समय आया आपके जज्बात उभार दिए, आपके काम की बात नहीं की तो आप उनकी आदत बिगाड़ रहे हो. वो तो हैं ही बिगड़े क्योंकि वो आपको बार-बार उकसा रहे हैं."
क्या 5 गारंटियों से एमपी में मिलेगी जीत?
कांग्रेस कर्नाटक और हिमाचल में जीत के फॉर्मूल के जरिए मध्य प्रदेश में भी परचम लहराना चाहती है. प्रियंका गांधी के भाषण में भी यह देखने को मिला. लेकिन बड़ा सवाल है कि क्या ये फॉर्मूला एमपी में कारगर साबित होगा?
सबसे पहले बात महिलाओं की करते हैं. कांग्रेस ने महिलाओं को 1500 रुपये देने का ऐलान किया है. बता दें कि शिवराज सरकार 'लाडली बहना योजना' चला रही है. जिसके तहत महिलाओं को 1000 रुपये दिए जा रहे हैं. वहीं शिवराज ने ऐलान किया है कि आगे इसे बढ़ाकर 3000 रुपये तक किया जाएगा.
बिजली के मुद्दे पर भी शिवराज सरकार एक्शन में है. हाल ही में ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने अगले 5 महीने तक उपभोक्ता संतुष्टि अभियान चलाकर हर एक उपभोक्ता की समस्या का समाधान करने के निर्देश दिए हैं. ताकि विधानसभा चुनाव में उपभोक्ताओं की नाराजगी का करंट पार्टी को न झेलना पड़े.
अगर किसानों के कर्जमाफी की बात करें तो शिवराज सरकार ने इस साल के बजट में 11 लाख डिफॉल्टर किसानों की ब्याजमाफी के लिए करीब 2700 करोड़ का प्रावधान किया है. बता दें कि कर्जमाफी के चक्कर में करीब प्रदेश के 4 लाख 41 हजार किसान डिफॉल्टर हुए हैं. इनसे तीन गुना यानी 11 लाख से ज्यादा किसानों को ब्याजमाफी स्कीम के लिए चिन्हित किया गया है.
प्रियंका ने जबलपुर को ही क्यों चुना?
जबलपुर मध्य प्रदेश के महाकौशल क्षेत्र का केंद्र है. यहां आदिवासी मतदाताओं की संख्या बहुत ज्यादा है. 2018 विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने 8 जिलों के इस संभाग में अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित 13 सीटों में से 11 पर जीत हासिल की थी. जबकि बीजेपी दो सीटों पर सिमट गई थी.
अगर ओवर ऑल महाकौशल क्षेत्र की बात करें तो यहां विधानसभा की 38 सीटें आती हैं. 2018 में कांग्रेस के खाते में 24 सीटें आई थीं, जबकि बीजेपी को 13 सीटों से ही संतोष करना पड़ा था. एक सीट निर्दलीय उम्मीदवार के खाते में गई थी. कांग्रेस एक बार फिर महाकौशल के जरिए विंध्य और बुंदेलखंड को साधने की कोशिश में जुटी है.
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