केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत उत्तर प्रदेश के बेंती गांव को गोद लिया था. राजधानी लखनऊ से करीब 35 किलोमीटर दूर बसे बेंती गांव की आबादी करीब 5000 है. गोद लेने की जानकारी जैसे ही लोगों तक पहुंची, गांववालों की आंखों में विकास का सपना चमकने लगा. गांव के चौराहों पर मॉडल गांव के स्वरूप को खूब समझा और समझाया गया. लेकिन अब इस बात को चार साल बीत चुके हैं. आइए जानते हैं गांव वालों से ही कि उनका गांव कितना आदर्श हुआ?
घोषणाएं तो बहुत हुई थीं. एक नलकूप आया है, तीन की बात हुई थी. दो का पता नहीं आज तक कहां हैं? लड़कियों के लिए डिग्री कॉलेज का प्रस्ताव दिया गया था. सामुदायिक केंद्र, जानवरों का अस्पताल का प्रस्ताव दिया गया था. लेकिन अभी तक कुछ बना नहीं है.प्रमोद कुमार तिवारी, निवासी, बेंती गांव
साल 2014 में राजनाथ सिंह ने इस गांव का दौरा किया था. लेकिन ग्रामीणों का मानना है कि इससे हालात में कुछ खास बदलाव नहीं आया. ग्रामीण मानते हैं कि पड़ोस का लोहिया गांव बेंती से ज्यादा विकसित है.
पड़ोस के गांव में देखिए, लोहिया गांव में गली-गली में आरसीसी पड़ गई हैऔर हमारे यहां आप नालियों को देखिए, दरवाजे पर बह रही हैं.स्थानीय निवासी
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