सुप्रीम कोर्ट चीफ जस्टिस के फैसलों के खिलाफ नाराजगी जताने वाले 4 जजों में से एक जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा है कि अभी तक विवाद का कोई हल नहीं निकला है. जस्टिस चेलमेश्वर ने 12 जनवरी की प्रेस कॉन्फ्रेंस का जिक्र करते हुए कहा कि मामला अभी तक नहीं निपटा है. मतलब जिन मुद्दों की वजह से चार वरिष्ठ जजों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी वो मुद्दे जस के तस हैं. हालांकि, इसके पहले चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने उन चार जजों से मुलाकात की थी.
सुप्रीम कोर्ट के मामले में SC के सीनियर एडवोकेट जगदीप धनखड़ ने क्विंट से खास बातचीत की
खास बातचीत में जगदीप धनखड़ ने कहा कि ‘जो कुछ 12 जनवरी को हुआ वो अप्रत्याशित था और ये सब कोर्ट हियरिंग के टाइम पर हुआ जो की निंदनीय है. दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में ये एक अनूठा कदम था. उन्होंने आगे कहा कि सीनियर जज और जूनियर जज साथ थे ये बहुत खतरनाक है. भारत के संविधान का जब भी निर्माण किया जा रहा था, तो एसेंबली के सामने दो मुद्दे आए....
संविधान की व्याख्या को कैसे देखा जाए?
‘संविधान की व्याख्या से जुड़े किसी भी मुद्दे को 5 या उससे ज्यादा जज देखेंगे. संविधान की मूल आत्मा बरकरार रखने का फैसला लिया गया. संविधान की व्याख्या से जुड़े किसी भी मुद्दे को कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है. यानी सुप्रीम कोर्ट अंतिम पहरेदार है. तो उसका हल भी सुप्रीम कोर्ट में ही निकलना चाहिए फिर चाहे हल प्रशासनिक हो या न्यायिक स्तर पर हो.’
उन्होंने आगे कहा कि...
वाइब्रेंट डेमोक्रेसी में किसी भी स्थिति में हंगामा होना संभव है.सुप्रीम कोर्ट को राजनीति का अखाड़ा नहीं बनना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट किसी खास गुट का बंदी बन कर नहीं रह सकता.जगदीप धनखड़, सीनियर एडवोकेट, सुप्रीम कोर्ट
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