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देश में किसकी बनेगी सरकार, क्या है सूरत के कारोबारियों का मूड?

नोटबंदी-GST के बाद कपड़ा कारोबारियों को किससे उम्मीद?

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वीडियो एडिटर: मो. इरशाद आलम

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2017 में GST लागू होने के बाद सूरत के कपड़ा बाजार को बड़ा झटका लगा, बिजनेस बड़ी तेजी से गिरा है, कई कारोबारी, सरकार और इकनॉमिक पॉलिसी के खिलाफ सड़कों पर प्रदर्शन करते नजर आए. लेकिन इन सब के बावजूद बीजेपी 7 में से 6 विधानसभा सीट जीत कर सूरत में अपनी पकड़ बनाए हुए है. इस लोकसभा चुनाव में क्विंट पहुंचा है, सूरत के कपड़ा व्यापारियों से जानने कि राजनीतिक पार्टियों से उनकी क्या उम्मीदें हैं.

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सूरत के कपड़ा व्यापारी गौरव श्रीमाली का कहना है कि कपड़ा व्यापारियों पर GST का बुरा असर पड़ा है, इससे कई करोबरियों को घर खर्च चलाना भी मुश्किल हो रहा है और GST की ऐसी मार पड़ी कि हर दिन व्यापार नीचे गिर रहा है.

ऐसे ही सूरत के एक कपड़ा व्यापारी कृति श्रीमाली कहते है:

मार्केट में पैसा नहीं आ रहा है, लेबर को पहले हर साल पैसे बढ़ाकर दिए जाते थे, लेकिन अब GST के बाद कई चीजों में बदलाव आया है, लेबर अब एक ही जगह अटक गया है. GST से कारोबारियों को नुकसान हुआ है, साथ ही छोटे लेबर पर भी इसका असर पड़ा है.
कृति श्रीमाली, कपड़ा व्यापारी

वहीं बीजेपी से जुड़े कपड़ा व्यापारियों में से एक जय शर्मा का कहना है कि GST के बाद उनका व्यापार अच्छा चल रहा है और उन्हें कोई परेशानी नहीं है. GST लगने के पहले जो मुश्किल आती थी जैसे हर बिल में 25-50 रुपये कटकर आते थे, पेमेंट टाइम पर नहीं आता था, ऐसी कई दिक्कतें अब नहीं आती हैं.

सूरत के धागा कारोबारी और बीजेपी के समर्थक दीपक झवर कहते हैं:-

ये व्यापारी बता रहे हैं व्यापार में मंदी आई है, लेकिन सूरत की टेक्सटाइल इंडस्ट्री धीरे-धीरे बढ़ रही है. यानी पहले 2.5 किलोमीटर में मार्केट लगता था, आज बढ़कर 10 किलोमीटर में फैल गया है.
दीपक झवर, धागा कारोबारी

सूरत के टेक्सटाइल इंडस्ट्री में चुनाव को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली है, कई कारोबारियों का कहना है कि GST और नोटबंदी से उन्हें नुकसान हुआ है, लेकिन अगर सरकार बनाने की बात आती है, तो कई कारोबारी बीजेपी के साथ ही खड़े नजर आते हैं. वहीं कुछ व्यापारी कांग्रेस का समर्थन करते हुए कहते हैं कि 'विधानसभा चुनाव में एमपी, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में बीजेपी हारी है, हमें वोट करने से पहले ये भी देखना चाहिए कि बीजेपी उन राज्यों में क्यों हारी?'

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