वीडियो एडिटर: विवेक गुप्ता
82 साल की बिलकिस बानो को दुनिया के 100 प्रभावशाली लोगों में जगह मिली है. बिलकिस दादी एंटी सीएए प्रोटेस्ट के दौरान शाहीन बाग प्रदर्शन में मशहूर चेहरा थीं. महीनों तक वो वहां डटी रहीं. ये खबर आने के बाद बिलकिस सोशल मीडिया पर भी छाई हुई हैं. बिलकिस बानो की जिंदगी का अधिकांश वक्त यूपी के छोटे से गांव में बिताया लेकिन दिसंबर में, बिलकिस उन हजारों प्रदर्शनकर्ताओं का हिस्सा बनीं, जिन्होंने दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ प्रदर्शन किया.
द क्विंट से खास बातचीत में 'दबंग दादी' कहती हैं कि TIME 100 में नाम आने पर उन्हें काफी खुशी हुई, उन्हें काफी अच्छा महसूस हो रहा है.
बिलकिस बानो से बातचीत का हिस्सा आप यहां पढ़ सकते हैं.
टाइम मैग्जिन के बारे में आपको पहले से जानकारी थी, ये क्या होता है या इसके बारे में पता था?
नहीं पहली बार ही सुना है, बहुत अच्छा लग रहा है, कभी सोचा भी नहीं था कि हम इतनी ऊंची जगह पहुंचेंगे, कभी हिंदी नहीं पढ़ी, उर्दू नहीं पढ़ी न ही अंग्रेजी पढ़ी लेकिन हमेशा कुरान शरीफ ही पढ़ी, उसी पर भरोसा रखा वही हमें बहुत अच्छी जगह पहुंचाएगा.
प्रदर्शन के दौरान ठंड का समय था, इतनी ठंड में जाने की हिम्मत कहां से मिलती थी आपको?
हमारे बच्चों के साथ जो जामिया में हुआ, जब से हम बैठ गए, हमने सोचा कि कल को हम मर गए तो हमारे बच्चों के साथ क्या होगा.
शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों को ‘पैसे’ दिए गए थे?
हमें पैसों से कोई मोहब्बत नहीं है, हमें सिर्फ इज्जत चाहिए.
बता दें कि शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों ने बुलेट से लेकर बुर्का पहने राइट विंग की यूट्यूबर्स तक सबका सामना किया था.
सामने ही गोली चली, लड़की बुरखा पहन कर आई लेकिन फिर भी हम वहीं बैठे रहे, पास ही में गोली चली थी, लेकिन फिर भी हम बैठे रहे, हमने कह दिया हम तो यहीं बैठे हैं, नहीं उठेंगे, क्यों जाएं? मौत आएगी तो यहां भी आ जाएगी और अगर नहीं है तो फिर कोई गोली ही क्यों न चला दे कुछ नहीं हो सकता... हमें कोई डर नहीं लगाबिलकिस बानो
शाहीन बाग की सभी महिलाओं के लिए ढेरों प्यार के साथ दादी का मैसेज है कि- 'मैं सबको बहुत दुआ देती हूं और दूंगी, हम सभी मिलकर हिम्मत के साथ डटे रहे, साथ बैठे रहे' . साथ ही 'दबंग दादी का पीएम मोदी के लिए मैसेज भी है! - वो कहती हैं. ‘हमें इन्साफ चाहिए, हमें सच चाहिए, हमें हमारे बच्चों के लिए प्यार-मोहब्बत वाला हिंदुस्तान चाहिए, मिलने जुलने वाला हिंदुस्तान चाहिए, सभी हमारे बच्चे हैं चाहे कोई हिंदू हो या मुसलमान हो सभी हमारे अपने हैं'
आप दादी को 'सपने देखने वाली' कह सकते हैं, लेकिन वो इकलौती नहीं हैं...
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