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क्या भारत महिलाओं के लिए सुरक्षित है?

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के मुताबिक दिल्ली में साल 2012 के बाद रेप के मामलों में 200 फीसदी बढ़ोतरी हुई है.  

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निर्भया मामले में सुप्रीम कोर्ट ने चारों दोषियों की सजा को बरकरार रखा है. इन सभी को हाई कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी. जिसके बाद दोषियों ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.

सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि निर्भया कांड सदमे की सुनामी थी. कोर्ट ने कहा कि वारदात को क्रूर और राक्षसी तरीके से अंजाम दिया गया. कोर्ट ने ये भी कहा कि इस वारदात ने समाज की सामूहिक चेतना को हिला दिया था.

फैसले पर निर्भया के पिता ने कहा: यह मेरे परिवार की जीत है

जैसे ही कोर्ट ने मौत की सजा के फैसले को बरकार रखने का ऐलान किया निर्भया के माता पिता खुशी से ताली बजाने लगे. रिपोर्ट के मुताबिक यह सब कुछ अपैक्स कोर्ट के अंदर हुआ.

भले ही दोषियों को इस मामले में सजा मिल गयी हो, लेकिन एक सवाल है जो हम सब को पूछना चाहिए, क्या दिल्ली महिलाओं के लिए सुरक्षित है?

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के मुताबिक देश की राजधानी दिल्ली में साल 2012 के बाद रेप के मामलों में 200 फीसदी बढ़ोतरी हुई है.

इस मामले में मुंबई बहुत पीछे नहीं है. एक एनजीओ प्रजा के मुताबिक साल 2010 से 2015 के बीच रेप के मामलों में 390 फीसदी बढ़ोतरी हुई है, वहीं मोलेस्टेशन के केस में 347 फीसदी बढ़ोतरी हुई है.

अगर बात भारत देश की हो तो हर एक घंटे में करीब 26 रेप की घटनाएं दर्ज होती है. और हर दो मिनट में एक रेप की घटना दर्ज होती है.

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