उस कहानी को कौन पसंद करेगा, जिसमें कभी कोई दिलचस्प मोड़ न आए, कोई झगड़ा न हो और आपकी कहानी में अगर कोई खलनायक भी न हो?
कई फिल्मों में विलेन का किरदार निभा चुके दिग्गज अभिनेता रजा मुराद कहते हैं कि फिल्मों के अलावा पौराणिक कथाओं में भी विलेन रहे हैं, इसीलिए अच्छाइयों को सराहा गया है.
उन्होंने कहा अगर बुराइयां नहीं होंगी, तो अच्छाइयों को कैसे सराहा जाएगा.
रजा मुराद कहते हैं कि आप कल्पना कीजिए, अगर फिल्मों में प्राण, अमरीश पुरी, शक्ति कपूर, गुलशन ग्रोवर जैसे विलेन नहीं होते, तो लोगों को फिल्में कितनी पसंद आतीं? उन्होंने कहा कि वो गब्बर ही था, जिसकी वजह से बसंती को नाचने पर मजबूर होना पड़ा था.
द क्विंट के साथ अभिनेता रजा मुराद की ये विशेष बातचीत देखिए और जानिए कि कोई भी प्रेम कहानी विलेन के बिना कितनी अधूरी होती है.
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