सुबह के वक्त रमजान के पवित्र महीने के दौरान रावलपिंडी की सड़कें गुलजार रहती हैं. करतारपुर फूड मार्केट में, लोग सेहरी (सुबह का भोजन) के लिए खाने का सामान खरीदते हैं. पाए और निहारी के लिए यहां के लोगों की कतार लगी रहती है.
लोग दूर-दूर से यहां के प्रसिद्ध जायके का स्वाद लेने आते हैं.
यहां के बड़े और छोटे के पाए और निहारी बहुत ही स्पेशल हैं. इस जगह की निहारी बहुत ही प्रसिद्ध है. इसे एक बच्चा भी खा सकता है.मोहम्मद अख्तर, खरीदार
निहारी, कुलचे, पाए जैसे मसालेदार स्वाद के बाद का पारंपरिक पेय लस्सी का भी जुगाड़ होता है. शराफत हुसैन मीठी और नमकीन लस्सी बनाते हैं.
हम पारंपरिक विधि का इस्तेमाल कर लस्सी बनाते हैं. मशीन का इस्तेमाल नहीं करते. जब हम दही मथते हैं तो इसकी खुशबू से लोग खिंचे चले आते हैं और जब वो इसे पीते है तो इसका अलग ही स्वाद आता है.शराफत हुसैन, दुकानदार
रमजान के दौरान, मुसलमान सूर्योदय और सूर्यास्त के बीच खाना, पीना और धूम्रपान नहीं करते हैं. सूर्यास्त के बाद इफ्तार किया जाता है. समाजसेवी जरूरतमंदो को इफ्तार देते हैं. जैसे ही सूरज डूबता है जरूरतमंद लोग भोजन के लिए कतार में लग जाते हैं.
जब जरूरतमंदों को इफ्तार का पैकेट मिलता है तो उनके चेहरे पर खुशी झलकती है.ये देखकर रमजान हमें अंदर से बहुत खुशी होती है. ऊपरवाला सभी को इस काबिल बनाए कि वो भी जरूरतमंदों को भोजन करा पाएं.अकील अब्बास, समाजसेवी
मैं अपने और अपने बच्चों के लिए भी खाना लेकर गया ताकि वो भी इसका मजा लें. मैं उनके (इसका आयोजन करने वाले) लिए दुआ करता हूं. अल्लाह उन्हें इज्जत और समृद्धि दे.दोस्त मोहम्मद, मजदूर
रमजान इस्लामी कैलेंडर का नौवां महीना होता है और रमजान के महीने में मुसलमान रोजा रखते हैं. इस्लामी मान्यता के अनुसार रमजान के आखिरी दिन धूमधाम से ईद मनाया जाता है.
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)