एलओसी पार कर अपने परिवार से मिलने जाना बजरंगी भाईजान जैसा आसान नहीं है. रील और रियल लाइफ में क्या फर्क होता है ये इराम से पूछिए. आखिरी सांसें गिनते पिता रावलपिंडी में बेटी के इंतजार में राह देख रहे हैं और इराम को सरहद पार करने की इजाजत ही नहीं मिल रही.
प्रॉब्लम क्या है- दरअसल इराम की सबसे बड़ी परेशान उनके पति का किसी जमाने में एक आंतकी होना बन गया है. अब रिहाबलिएशन स्कीम के तहत उनके पति उनके साथ रह रहे हैं लेकिन पुराने दाग भुलाने के लिए सरकारी अफसर तैयार नहीं हैं. क्या है इराम की कहानी, और अब किससे लगाई है उन्होंने आखिरी गुहार देखिए इस वीडियो में.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)