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मोदी सरकार की नई पेंशन योजना का फायदा तभी जब आप जीवनभर रहें गरीब

सरकार ने असंगठित क्षेत्र में काम करने वालों के लिए अच्छी खबर दी है. लेकिन अगर आपको ये खबर पूरी तरह समझ में आ जाए तब

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वीडियो एडिटर: पूर्णेंदु प्रीतम

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सरकार ने असंगठित क्षेत्र में काम करने वालों के लिए अच्छी खबर दी है. लेकिन अगर आपको ये खबर पूरी तरह समझ में आ जाए तब. ये खबर है पेंशन की. अब इस सेक्टर में काम करने वाले कुछ शर्तों को पूरा करेंगे और हर महीने निश्चित रकम जमा करेंगे तो 60 साल की उम्र के बाद उन्हें हर महीने 3 हजार रुपए का पेंशन मिलेगा. इसके लिए गाइडलाइंस जारी हो गए हैं.

काम करने वाले वर्कर की उम्र 18 साल से कम और 40 साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए और उसे 60 साल की उम्र पार करने के बाद 3 हजार महीने की पेंशन मिलेगी. अधिकतम उम्र सीमा और पेंशन मिलने की उम्र के बीच का ये फर्क 20 साल का है. 20 साल के बाद 3 हजार रुपए की क्या वैल्यू रहेगी, पता नहीं. इससे चाय-पानी की भी जुगाड़ हो पाएगा या नहीं?

15 हजार से कम होनी चाहिए इनकम

इस स्कीम की एक और बड़ी शर्त ये है कि इससे जुड़ने के लिए आपकी आमदनी महीने की 15,000 रुपए से कम की होनी चाहिए. अगर बढ़ गई तो मैं इसका फायदा उठाने का हकदार नहीं रहूंगा.

ऐसे में हमेशा मैं गरीब बने रहने की कोशिश करूं तो फायदा है, नहीं तो एलिजिबिलिटी गई. लेकिन ये भी तो पॉसिबल है कि फिलहाल हमारी आमदनी कम है, कुछ स्कील मैंने हासिल किए और हालात बदल गए मुझे आर्गेनाइज्ड सेक्टर मतलब किसी प्राइवेट कंपनी में नौकरी मिल गई. कहने का मतलब कि असंगठित क्षेत्र से संगठित क्षेत्र में मेरी एंट्री हो गई. कुछ दिन तो सब ठीक रहा लेकिन फिर से असंगठित क्षेत्र में मुझे वापस आना पड़ा. ऐसे हालत में मेरे लिए स्कीम के फायदे रहेंगे? गाइडलाइन में इस बारे में कुछ नहीं कहा गया है?

पेंशन स्कीम के गाइडलाइन से जुड़ी कुछ शर्तें

सरकार ने असंगठित क्षेत्र में काम करने वालों के लिए अच्छी खबर दी है. लेकिन अगर आपको ये खबर पूरी तरह समझ में आ जाए तब

अब पेंशन हासिल करने के लिए जो गाइडलाइन बनाई गई हैं उनकी कुछ शर्तों को भी समझ लेते हैं. पेंशन का हकदार किसे माना जाएगा.

सरकार ने असंगठित क्षेत्र में काम करने वालों के लिए अच्छी खबर दी है. लेकिन अगर आपको ये खबर पूरी तरह समझ में आ जाए तब
  • घरों में काम करने वाली महिला या रसोइया
  • गली में फेरे लगाने वाले
  • सिर पर बोझा उठाने वाले
  • ईंट भट्टे पर काम करने वाले मजदूर
  • रिक्शा चालक
  • कूड़ा बीनने वाले
  • प्लंबर
  • चमड़े का काम करने वाले
  • मजदूर

और इसी तरह के पेशे करने वाले दूसरे लोग इस पेंशन स्कीम का फायदा उठा पाएंगे.

अब इनको किश्त के तौर पर कितने रुपये देने होगे

  • अगर 18 साल की उम्र के वर्कर हैं तो उन्हें 60 साल की उम्र तक 55 रुपये देने होंगे, इतने ही रुपये का सरकार का भी योगदान होगा
  • इसी तरह अगर 29 साल की उम्र के वर्कर हैं तो उन्हें 60 साल की उम्र तक 100 रुपये देने होंगे, इतने ही रुपये का सरकार का भी योगदान होगा
  • 40 साल की उम्र के वर्कर हैं तो उन्हें 200 रुपये देने होंगे. सरकार का भी इतने का ही योगदान होगा
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जिंदगीभर गरीब रहे तो ही मिलेगा फायदा

सरकार ने असंगठित क्षेत्र में काम करने वालों के लिए अच्छी खबर दी है. लेकिन अगर आपको ये खबर पूरी तरह समझ में आ जाए तब
जिस उम्र में बच्चों को स्कूल जाकर अपना भविष्य संवारना चाहिए, उस उम्र में बाल मजदूर बन जाते हैं.
(फोटो: iStock)

बड़ी मुसीबत तो ये भी है कि गाइडलाइन के मुताबिक, जिंदगी भर में अगर किसी वर्कर ने एक बार भी इनकम टैक्स भर दिया तो एलिजिबिलिटी. 30 साल के करियर में कई उतार चढ़ाव आते हैं. कभी दिन बदलते हैं, कभी हालात बुरे होते हैं लेकिन ये स्कीम उसी के लिए है जो हमेशा गरीब ही रहेगा. गाइडलाइन में ये भी कहा गया है कि किसी की एलिजिबिलिटी पर अगर कोई संदेह है तो मामले पर सरकार के ज्वाइंट सेक्रेटरी का फैसला आखिरी होगा. असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले की इतनी हैसियत होगी कि वो सरकार के आला अफसर को कॉन्टेक्ट कर सकें?

एक और बात 10 साल से पहले आपने स्कीम छोड़ दिया तो आपने जितनी रकम जमा की है उस पर साधारण ब्याज जोड़कर रकम वापस कर दी जाएगी. आपकी एवज में सरकारी योगदान का हिस्सा नहीं मिलेगा. दस साल के बाद और रिटायरमेंट से पहले एग्जिट करने के हालात में जमा राशि प्लस फंड की कमाई ब्याज दर को मिलाकर आपकी रकम वापस हो जाएगी. मतलब ये कि सरकारी योगदान का फायदा तभी मिलेगा जब आप 60 साल की उम्र तक इसमें बने रहें.दूसरे शब्दों में 60 साल तक आपके हालात मुश्किलों से भरे रहें तो ही स्कीम का कुछ फायदा मिलेगा, वरना नहीं.

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