लिरिसिस्ट और परफॉर्मर: स्पेक्ट्रा
मल्टीमीडिया प्रोड्यूसर: प्रशांत चौहान
कैमरा: मुकुल भंडारी, एसके मौर्य
दिल्ली चुनाव को अगर समझना है तो दिल्ली के अपने रैप से बेहतर क्या हो सकता है? सुनिए दिल्ली चुनाव पर स्पेक्ट्रा का व्यंग्य से भरा ये रैप.
अगला स्टेशन दिल्ली है
क्या असली नेता खड़े होंगे?
मैंने कहा असली नेता!
आज की है सनसनी राजनीति मनचली
दिल्ली ना डेढ़ शानी दिल्ली सवा सेर है!
आंखों पे पर्दा नहीं
चाय पे चर्चा भी
पब्लिक सयानी भाई दिल्ली शहर में
सरकारे वो जो खानदानी हैं
कुछ काम की नहीं हैं
तो कुछ आम सी भी हैं
कुछ ज्ञानी बनकर भी नाकाम सी लगें
कुछ राम बोलकर परेशान सी लगें
ओह... डिजिटल इंडिया में हुआ नेट बंद
शटडाउन WiFi तेरा नेटवर्क!
बेड़ा गर्क सत्यानाश मेरा tik tok
रैलियों में ''रंग-रैलियां'' भी दिखे टिप टॉप!
देख इक बात मेरी-कानों कान सुन
मुझे फॉर्मुला दे तू जुमले ना चुन
तू सीएम की कुर्सी के सपने न बुन
रिंकिया के अब्बा का बजे हारमोनियम?
Hehehehe! मीम?
माफ करना मुझे मैं थोड़ा फिसससलललताता हूं!
अन्याय होता सड़कों पे निकललललता हूं!
असली विकास पे पिघलललता हूं!
दिल जीतना तो पड़ता है खयाल तो जनता का बनता है
जनता न धंधा है जनता शर्मिंदा
कुछ लोगों से काफी नाराज है
आ गया चुनाव तेरा वोट ही इलाज है
सत्ता का सत्तू क्या खायेगा पप्पू
आलू की मशीन से निकलेगा कद्दू
सोने के दाम पे प्याज है भइया
दिल्ली का धुंआ तो दइया से दइया!
नौकरी के स्टेशन पे आई ना ट्रेन!
क्यों गंभीर मुद्दों पर जलेबी लें?
ऐसा कोई मंत्री भाई दिल्ली को दें
जो रक्षा, शिक्षा, बिजली, पानी तो दे
आज की है सनसनी
राजनीति मनचली
दिल्ली ना डेढ़ शानी दिल्ली सवा सेर है!
आंखों पे पर्दा नहीं
चाय पे चर्चा भी
पब्लिक सयानी भाई दिल्ली शहर में
( यह एक व्यंग्यात्मक वीडियो है और इसमें व्यक्त किए गए विचार रैपर के अपने हैं. क्विंट न तो इसका समर्थन करता है और न ही इसके लिए जिम्मेदार है )
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