दिल्ली विधानसभा में मंगलवार को जमकर ड्रामा देखने को मिला.
आम आदमी पार्टी विधायक सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली विधानसभा में ईवीएम टैंपरिंग को लेकर डेमो दिया. भारद्वाज ने डेमो के जरिए बताया कि किस तरह सीक्रेट कोड के जरिए वोट दूसरे प्रत्याशी को ट्रांसफर किए जाते हैं. भारद्वाज ने दावा किया कि इसी सीक्रेट कोड के जरिए ही चुनावों में वोटिंग में हेरफेर होता है.
लेकिन AAP के खुलासे के बाद कई सवाल खड़े हुए हैं.
1. खुलासे में जो मशीन प्रयोग की गई अगर वो चुनाव आयोग की मशीन है ही नहीं तो AAP के खुलासे पर कैसे विश्वास हो ?
2. क्या देशभर में मौजूद 17.12 लाख ईवीएम मशीनों में हर किसी का अलग ‘सीक्रेट कोड’ है ?
3. अगर हर मशीन का अलग ‘सीक्रेट कोड’ है और हर किसी के साथ अलग से छेड़खानी होती है तो क्या AAP कहना चाहती है कि चुनाव आयोग राजनीतिक पार्टियों से मिला हुआ है, जो उन्हें अपनी मशीनों के साथ खुली छेड़छाड़ की आजादी देता है?
4. क्या चुनाव आयोग ने दिल्ली में AAP के साथ, पंजाब में कांग्रेस के साथ और यूपी में बीजेपी के साथ सांठगांठ की?
इन सब सवालों के अलावा, इस पूरे मसले पर कई राजनीतिक रिएक्शन भी आए. AAP से बर्खास्त मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा...
हम भी दिल्ली में उन्हीं ईवीएम के जरिए सत्ता में आए थे. अरविंद केजरीवाल शतुरमुर्ग बने बैठे हैं और सच से भाग रहे हैं. दिल्ली में अब वो लोकप्रिय नहीं रहेकपिल मिश्रा
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस की और AAP पर एक दूसरा आरोप लगाया कि वो इंकम टैक्स डिपार्टमेंट को गलत सूचनाएं देते हैं.
वहीं चुनाव आयोग ने वही पुराना राग दोहराया और कहा कि हमारे हैकेथॉन पर आइए और ईवीएम के साथ छेड़खानी करके दिखाइए.
लेकिन, आखिर में जो सबसे जरूरी है वो है आम लोगों की राय. अब बस चुनाव आयोग का इंतजार है कि वो कब सामने आए और सच को सामने लेकर आए.
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