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Rafale Vs F-16: कौन सा लड़ाकू विमान है ज्यादा ताकतवर?

आर-पार की लड़ाई में किसका होगा पलड़ा भारी? पाकिस्तान का F-16 या भारत का राफेल?

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वीडियो एडिटर: दीप्‍त‍ि रामदास
कैमरा: सुमित बड़ोला


पाकिस्तान के साथ हुई 'डॉग फाइट'  का हवाला देते हुए अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि पाकिस्तान के F-16 लड़ाकू विमान से रक्षा के लिए देश को राफेल जेट की जरूरत है.

राफेल, दसॉ एविएशन का बनाया हुआ एक ट्विन जेट लड़ाकू विमान है, जो कि एयरक्राफ्ट कैरियर और जमीनी बेस, दोनों से उड़ान भर सकता है.

F-16 फाइटिंग फाल्कन, एक फोर्थ जनेरेशन सिंगल इंजन सुपरसोनिक मल्टीरोल एयरक्राफ्ट है,  जिसे Lockheed Martin कंपनी बनाती है. करीब 3000 F-16  लड़ाकू विमान फिलहाल 25 देशों में अपनी सेवाएं दे रहा है.

तो आर-पार की लड़ाई में किसका होगा पलड़ा भारी? पाकिस्तान का F-16 या भारत का राफेल?

चलिए आंकड़ों से समझते हैं

आर-पार की लड़ाई में किसका होगा पलड़ा भारी? पाकिस्तान का F-16 या भारत का राफेल?
Rafale Vs F-16
अरूप मिश्रा 
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दोनों ही विमान अधिकतम 50,000 फीट तक उड़ान भर सकते हैं. ऐसे में रेंज और स्पीड में F-16 से पीछे होने के बावजूद एक चीज जो आमने-सामने की लड़ाई में राफेल को F-16 से बेहतर बनाती है, वो है Rate of climb. यानी किस गति से विमान ऊंचाई पर पहुंच सकता है.

आर-पार की लड़ाई में किसका होगा पलड़ा भारी? पाकिस्तान का F-16 या भारत का राफेल?
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और एक जरूरी फैक्टर है इंधन क्षमता.

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अब बात करते हैं हथियारों को ले जाने की क्षमता की.

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अब 'डॉग फाइट' में फायदा उसे होता है, जो दुश्मन को जल्दी और पहले निशाना बनाए. इसमें मदद करता है रडार.

F-16 में  Lockheed Martin ने F-22 और  F-35 की टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया है, जैसे Active Electronically Scanned Array (AESA) APG-83 रडार, जो  F-16 को  5वीं जेनेरेशन की फाइटर रडार की क्षमता देता है. ये 120 km के दायरे में शत्रु को ढूंढ सकता है. इसकी अधिकतम रेंज है 84 किमी की दूरी से 20 टारगेट.

दूसरी तरफ राफेल में 4 अहम टेक्नोलॉजी का प्रयोग हुआ है

1. एक Multi- directional रडार, जो 100 km के दायरे में एक साथ 40 टारगेट ढूंढ सकता है.

2. Undetectable passive radar sensor, जो कि एक सटीक ऑप्टिकल कैमरा है.

3. Recognizance pod: एक बड़ा सा डिजिटल कैमरा, जो किसी भी गति पर फोटो खींच सकता है.

4. और अंत में Spectra, एक ऐसा डिफेंस सिस्टम, जो शत्रु के रडार सिग्नल को जाम कर सकता है, मिसाइल आने की चेतावनी देता है और decoy सिग्नल छोड़ता है, अगर मिसाइल राफेल के बहुत पास आ जाए.
Decoy signal एक  electromagnetic pulse है, जो प्लेन के पीछे से छूटता है और दुश्मन मिसाइल को लक्ष्य से भटका देता है.

तो साफ है कि  राफेल और  F16 के बीच मुकाबला कांटे का है और एक विजेता चुन पाना थोड़ा मुश्किल है. हवाई जंग में जीत प्लेन के साथ ही साथ पायलट के हुनर पर भी निर्भर करती है.
आपको क्या लगता है, कौन जीतेगा? आंकड़े आपके सामने हैं, कमेंट सेक्शन में हमें बताएं.

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