मुंबई के रहने वाले कमलेश एलानी ने विरार में साल 2012 में एकता पार्क्स विले होम्स में फ्लैट बुक कराया था. फ्लैट का पॉजेशन 2016 में मिलना था लेकिन डेड लाइन गुजर जाने के बाद भी फ्लैट नहीं मिल सका. इसलिए 15 अगस्त 2017 को कमलेश ने RERA का दरवाजा खटखटाया. जहां एक महीने के अंदर महज तीसरी सुनवाई में कमलेश के हक में फैसला सुनाया गया है और बिल्डर, कमलेश को करीब 26 लाख रुपए देने को तैयार हो गया.
RERA के एक्सपर्ट रमेश प्रभु बताते हैं कि
शिकायत दो तरह की होती है, रजिस्टर्ड प्रोजेक्ट के खिलाफ या अन रजिस्टर्ड प्रोजेक्ट के खिलाफ. RERA की वेब साइट पर जाकर ऑनलाइन एप्लिकेशन पर क्लिक करना होगा. यूजर आईडी बनाने के बाद तीन ऑप्शन पूछे जाएंगे आप प्रमोटर हैं, एजेंट है या शिकायतकर्ता हैं. अगर आप शिकायतकर्ता हैं तो आपको बताना होगा कि किस प्रोजेक्ट के खिलाफ आपको शिकायत करनी है.
अगर रजिस्टर्ड प्रोजेक्ट के खिलाफ आपकी शिकायत है तो प्रोजेक्ट का रजिस्टर्ड नंबर आपको देना होगा. जिसे ढूंढ़ना आसान है. इसके बाद शिकायत दर्ज करें. सभी दस्तावेजों को साइट पर अपलोड करें. जिसके तुरंत बाद शिकायत नंबर जेनरेट होगा. नंबर जेनरेट होने के बाद सभी पक्षों को दस्तावेज भेजें. जिसके बाद RERA कमेटी को 60 दिनों में मामले का निपटारा कराना जरूरी होगा.
अगर आप भी ऐसी ही किसी समस्या से जूझ रहे हैं तो इन आसान से तरीकों से RERA कमेटी को शिकायत दर्ज कराएं और अपनी परेशानी सुलझाएं.
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