30 जनवरी को महात्मा गांधी की 73 वीं पुण्यतिथि है. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भारत की स्वतंत्रता में और देश के सामाजिक-राजनीतिक आधार को आकार देने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है.
चंपारण और खेड़ा में अपने आंदोलनों से लेकर, गांधी जी देश के किसानों और मजदूरों की सेवा के लिए खड़े हुए. केवल विशेषाधिकार प्राप्त लोगों के बजाय, उन्होंने किसान और मजदूरों के मुद्दों को सबसे आगे रखा. उन्होंने भारत का एक विचार बनाया जो अल्पसंख्यकों, किसानों, श्रमिकों, निचली जातियों और महिलाओं के लिए खड़ा था.
गांधी ने लोगों को अपने अधिकारों के लिए लड़ने के लिए साधन भी मुहैया कराए. उन्होंने सत्य और अहिंसा पर जोर दिया.
आज हम किसानों के नेतृत्व में एक और जन आंदोलन देख रहे हैं. 2020 में केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ वे 61 दिनों से अधिक समय से विरोध कर रहे हैं. स्थिति को देखते हुए, ऐसा लगता है कि हम गांधी के दर्शन और जिसके लिए वो खड़े थे, उसे भूल गए हैं.
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