पॉप सिंगर रिहाना ने किसान आंदोलन को लेकर ट्विटर पर बस इतना लिखा कि "हम इसके बारे में बात क्यों नहीं कर रहे." फिर क्या था, बात पर बात शुरू. बॉलीवुड मंडली से लेकर खेल के मैदान में बल्लेबाजी और गेंदबाजी करने वाले खिलाड़ी ट्विटरबाजी करने लगे. 70 दिनों से ज्यादा से किसान दिल्ली की सरहदों पर डंडे, आंसू गैस के गोले, ठंड सब सहते रहे, फिर भी इन कलाकारों का मौन व्रत नहीं टूटा. लेकिन आखिर में रिहाना के ट्वीट ने कुंभकरण की नींद सो रहे देश के खिलाड़ियों और एक्टर्स को जगा दिया. इसलिए किसान और आम इंसान पूछ रहा है जनाब ऐसे कैसे?
भारत में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में दुनियाभर की मशहूर हस्तियां सामने आ रही हैं. अमेरिकी पॉप सिंगर रिहाना, एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग और अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की भांजी और लेखक मीना हैरिस ने किसानों के समर्थन में ट्वीट किया है. लेकिन बॉलीवुड और स्पोर्ट्स से जुड़े लोगों को लगता है कि किसानों के मुद्दे पर विदेशी सेलेब्रिटिज का बोलना इंटरनल मैटर में interfere करना है.
अक्षय कुमार ने अपने ट्वीट में कहा, "किसान हमारे देश का बेहद महत्वपूर्ण हिस्सा हैं. उनकी समस्याओं के समाधान के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं. इसलिए सभी मिलकर एक समाधान के लिए समर्थन करें. किसी भी तरह का विभाजन पैदा करने वालों पर ध्यान देने की बजाय सौहार्दपूर्ण समाधान पर फोकस करें.’ Amicable solution पर फोकस
विराट कोहली, अनिल कुंबले, लता मंगेशकर, सायना नेहावाल, सुरेश रैना...सब इस मुद्दे पर Amicable solution ही चाहते हैं, शायद इसलिए इत्तेफाक से सबके ट्वीट में Amicable solution का जिक्र हो रहा है.
क्रिकेट जगत में अपने फैन्स के बीच 'भगवान' माने जाने वाले टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने भी रिहाना और हैरिस के ट्विट के बाद नसीहत दी. उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि भारत की संप्रभुता से किसी भी तरह से समझौता नहीं किया जा सकता है. बाहरी ताकतें देख सकती हैं, लेकिन इसमें हिस्सा नहीं ले सकती हैं.
अगर सचिन तेंदुलकर के इस लॉजिक पर जाएं तो शराबी पति अपनी पत्नी को घर में पीट रहा हो तो कोई कुछ न कहे क्योंकि बाहरी ताकतें देख सकती हैं, लेकिन इसमें हिस्सा नहीं ले सकती हैं. अमेरिका में ब्लैक जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या पर जब भारतीय सितारों ने बोला था तो क्या अमेरिका के अंदरूनी मामलों में दखल नहीं दिया था? क्या कैपिटॉल हिल पर ट्रंप समर्थकों के हमले पर जब पीएम मोदी ने चिंता जताई थी तो क्या उनके आंतरिक मामले में दखल दिया था?
बॉलीवुड एक्टर से लेकर खिलाड़ियों के ट्वीट में एक और चीज कॉमन थी. #IndiaTogether. एक्टर अजय देवगन ने कहा- भारत या भारतीय नीतियों के खिलाफ किसी भी झूठे प्रचार में नहीं फंसना है. इस वक्त एकजुट होना महत्वपूर्ण है.
लेकिन सवाल ये है कि कौन सा झूठा प्रचार? कौन भारत के खिलाफ है? कौन एकजुट नहीं है?
किसानों की मांग पर कोई समर्थन दे रहा है, तो इससे देश कैसे कमजोर हो गया? ये together वाला ट्वीट करने की बेचैनी #Rihanna के बोलने के बाद ही क्यों हुई? 2 महीने से किसान ठंड में सड़क पर बैठे रहे तब सचिन से लेकर अक्षय together आकर ट्वीट क्यों नहीं कर पाए. अक्षय कुमार तो फिल्मों में सरदार से लेकर किसान बनते आए हैं, फिर उन्हें अपने फिल्मी कैरेक्टर की फिक्र क्यों नहीं सताई?
वो छोड़िए, किसान जहां बैठे हैं, उन रास्तों पर नुकीले तार, लोहे की कील, देश के बॉर्डर की तरह किलेबंदी हो गई, कभी बिजली काट दी जाती थी तो कभी पानी नहीं पहुंचने दिया जाता. लेकिन खिलाड़ियों की ट्विटर टीम किसानों के हर जरूरी मुद्दों वाली गेंद को ‘लेफ्ट’ (छोड़ते) करते रहे.
रिहाना का ट्वीट किसानों के प्रदर्शन के समर्थन में था, साथ ही आंदोलन वाली जगहों के आसपास इंटरनेट बैन को लेकर भी था. लेकिन हमारे बॉलीवुड के ट्विटर हीरोज ने भी इस मुद्दे पर खुद को बोलने से बैन कर रखा था.
चलिए बस इतना बता दीजिए कि सौहार्दपूर्ण समाधान और एकजुटता की बात करते हैं तो जब किसानों को आतंकी, खालिस्तानी, गुंडे सब कहा जा रहा है तो क्यों नहीं बोलते. रिहाना, हैरिस, ग्रेटा थनबर्ग का एक ट्वीट आप लोगों को देश पर हमला लगने लगा, लेकिन किसानों के सम्मान पर हमला हर दिन होता रहा, वो नहीं दिखा. रिहाना को भले ही आप ना कहें लेकिन न वो मानने वाली हैं और न ही उन्हें फॉलो करने वाले लोग. ऐसे में ऐसे बेवकूफी से सिर्फ हमारी जगहंसाई हो रही है..ऐसे में हम तो पूछेंगे जनाब ऐसे कैसे?
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