बीजेपी के प्रवक्ता और लोकसभा प्रत्याशी संबित पात्रा ओडिशा के पुरी में बाइक की पिछली सीट पर बैठे अपने प्रचार अभियान के दौरान बेहद व्यस्त थे. इन सबके बीच क्विंट ने उनसे मिलकर कुछ मुश्किल सवाल पूछ लिए. इनमें पार्टी के प्रचार विवाद, सरकार का बेरोजगारी के आंकड़ों को जारी करने से इनकार, योगी आदित्यनाथ और मेनका गांधी की ओर से की गई सांप्रदायिक टिप्पणी जैसे सवाल शामिल थे.
इस खास इंटरव्यू के कुछ प्रमुख अंश इस तरह हैं-
मोदी सरकार बेरोजगारी पर ऑफिशियल डेटा क्यों नहीं जारी कर रही है?
संबित पात्रा: रोजगार एक अहम मुद्दा है. सबसे अहम फैक्ट्रियों में से कुछ, जैसे कि नयागढ़ में गन्ना फैक्ट्री बंद हैं. हम इसे दोबारा शुरू करेंगे, ताकि पुरी के युवाओं को रोजगार दिया जा सके.
क्विंट: लेकिन मोदी सरकार में ऊंची बेरोजगारी दर रही है, ऐसे में मतदाताओं को फिर से नौकरियों को लेकर बीजेपी पर भरोसा क्यों करना चाहिए?
संबित पात्रा: जब अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था, पीएम नरेंद्र मोदी ने संसद में बेरोजगारी को लेकर तमाम झूठे दावों को खारिज कर दिया था. हमने देखा कि बेरोजगारी के मुद्दे पर बीजेपी सरकार कैसे जीती- क्योंकि हमने अविश्वास प्रस्ताव जीता.
क्विंट: 2017-18 में लीक हुई NSSO की रिपोर्ट में कहा गया है कि बेरोजगारी 6.1% थी, जो 45 वर्षों में सबसे ज्यादा थी.
संबित पात्रा: बकवास बातों से कुछ नहीं होने वाला. आंकड़ों में, पीएम मोदी रोजगार के मुद्दे पर कामयाब रहे हैं.
क्विंट: अगर ऐसा है, तो सरकार बेरोजगारी के ताजा आधिकारिक आंकड़ों को जारी करने से इनकार क्यों कर रही है, जो NSSO की रिपोर्ट है?
संबित पात्रा: देखिए, जहां तक रोजगार के आंकड़ों का सवाल है, कई फर्जी खबरें आयी हैं. विडंबना यह है कि अब तक, आजादी के 70 साल बाद, कोई डेटा नहीं था...रोजगार पर कोई रियल टाइम डेटा उपलब्ध नहीं था. पहली बार नरेंद्र मोदी और उनकी टीम द्वारा ऐसा किया जा रहा है.
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मेनका से लेकर योगी तक:बीजेपी का सांप्रदायिक कार्ड
क्विंट: मेनका गांधी ने मुसलमानों को धमकी दी है कि अगर वे उनके लिए वोट नहीं करते हैं, तो वो उनका काम नहीं करवाएंगी. साक्षी महाराज ने कहा है कि वह उन लोगों को शाप देंगे जो उनके लिए वोट नहीं करेंगे, और बीजेपी उम्मीदवार सिद्धेश्वर महास्वामी खुद को भगवान कहते हैं और वोट मांगते हैं. इस समय, आपको नहीं लगता कि बीजेपी को अपना बचाव करना बंद कर देना चाहिए और इन निंदनीय टिप्पणियों के लिए माफी मांगनी चाहिए?
संबित पात्रा: देखिए, बीजेपी का मूल मंत्र है 'सबका साथ, सबका विकास'. मेरा दृढ़ विश्वास है कि यह केवल उस समावेशिता की वजह से है जिसे बीजेपी ने आगे बढ़ाया है, और हम ऐसा करना जारी रखेंगे.
क्विंट: लेकिन योगी आदित्यनाथ मतदाताओं से कहते हैं, "उनके पास अली हैं, हमारे पास बजरंगबली हैं." यहां तक कि आप पर भी रोड शो के दौरान भगवान जगन्नाथ की मूर्ति लेकर चलने की वजह से चुनाव आयोग के मानदंडों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है.
संबित पात्रा: नहीं, नहीं, नहीं. दरअसल, इस संबंध में मुझे किसी ने नोटिस नहीं दिया. वास्तव में, किसी ने मुझे नामांकन के लिए मेरे रास्ते में भगवान जगन्नाथ की मूर्ति भेंट की, जिसे मैंने अपने राज्य में आदर्श के रूप में रखा था. यह केवल 50 सेकंड के लिए था, इसलिए मुझे नहीं लगता कि मैंने किसी भी तरह से संविधान या नियमों का उल्लंघन किया है. हम सभी चुनाव आयोग को सबसे अधिक सम्मान देते हैं, हम सभी नियमों का पालन करते हैं.
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