क्या 2019 में बीजेपी को मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है? क्या बीजेपी के छिटकते सहयोगी ऐन वक्त पर वापस जुड़ जाएंगे. ऐसे ही कुछ सवालों के साथ क्विंट ने बात की CSDS के निदेशक और जाने-माने चुनाव विश्लेषक संजय कुमार से. मौका था उनकी किताब, Post-Mandal Politics in Bihar की रिलीज का.
क्या SC-ST एक्ट से लेकर रेप तक के मुद्दे बीजेपी को 2019 में भारी पड़ेंगे?
CSDS के निदेशक संजय कुमार का मानना है कि किसानों का मुद्दा हो या दलितों का, इन सारे मुद्दों को लेकर लोगों के बीच नाराजगी लगातार बढ़ती नजर आ रही है. इन सारे मुद्दों के असर चुनाव पर दिख सकता है. हालांकि चुनाव में अभी तकरीबन एक साल बाकी है. इस एक साल में दो चीजें हो सकती हैं- या तो सरकार अपने पेच कसे और इन मुद्दों पर जमीनी स्तर का काम करे या ये मुद्दे लोगों का गुस्सा और भी बढ़ा सकते हैं.
2019 में बीजेपी 205-210 सीट तक सिमट सकती है
2019 में बीजेपी को देश के बिगड़ते हालात संभालने में नाकामी की कीमत चुकानी पड़ सकती है. कई अहम चुनावों का सटीक विश्लेषण करने वाले संजय कुमार को लगता है कि 2019 आम चुनाव में बीजेपी के साथ नए वोटरों के जुड़ने की संभावना बेहद कम है. संजय कुमार ने क्विंट से खास बातचीत में कहा कि आज के हालात देखते हुए बीजेपी संकट में दिखाई पड़ती है. वोट शेयर कम होने की आशंका भी प्रबल है. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि एक साल बाद हालात बदल भी सकते हैं पर एक अंदाजे के मुताबिक 2019 में बीजेपी की सीट संख्या 205-210 रह सकती है.
उन्होंने ये भी कहा कि अगर 2019 में बीजेपी 200 और कांग्रेस 150-160 सीट के आसपास रहती है तभी कांग्रेस के लिए गठबंधन की राह खुल सकती है लेकिन अगर कांग्रेस 100 सीटों तक सिमटती है तो उसके लिए सत्ता तक पहुंचने की गुंजाइश कम ही है.
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क्या खास है किताब, ‘Post-Mandal Politics in Bihar’ में
संजय कु्मार की किताब में मंडल आयोग के बाद बिहार की राजनीति में आए बदलाव का एनालिसिस किया गया है. किस तरह 1990 में लालू का दौर आया और जातीय राजनीति की अलग-अलग धाराओं में हलचल मची, इसका बारीक विश्लेषण आपको इस किताब में मिल जाएगा.
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