बीजेपी के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने का काम तेजी से हो रही है. पूर्व राज्यसभा सांसद शरद यादव के मुताबिक देश के मौजूदा हालात काफी खराब हैं और विपक्ष की गोलबंदी से ही बीजेपी का मुकाबला हो सकता है.
क्विंट के एडिटोरियल डायरेक्टर संजय पुगलिया से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि विपक्ष को एकजुट करने की काफी कोशिशें हो रही हैं और साझा विरासत बचाव सम्मेलन इसी दिशा में कदम था. इस सम्मेलन में 21 पार्टियां शामिल हुई थीं.
शरद यादव ने बातचीत में विपक्षी एकता के फॉर्मूले पर भी चर्चा की. उन्होंने माना कि एकता के रास्ते में बहुत अंतर्विरोध और पेचीदगी है, सभी पार्टियों के अपने हित हैं और प्रभाव वाले क्षेत्र हैं. लेकिन हालात ही एकता बनाने को मजबूर कर रहे हैं.
जनता पार्टी के दिनों को याद करते हुए शरद यादव ने बताया कि जयप्रकाश नारायण ने इमरजेंसी के बाद चुनाव का ऐलान होते ही साफ कह दिया था कि सबको एक होना होगा, और अगर एकजुट नहीं होते, तो मुझे छोड़ दीजिए.
उन्होंने कहा कि 1977 में पार्टियां कम थीं, इसलिए 3-4 दिन में सब एक हो गए, लेकिन आज पार्टियों की तादाद बहुत ज्यादा है.
शरद यादव ने कहा कि सभी पार्टियों में अंतर्विरोध है, लेकिन आखिर में रास्ता जरूर निकल आएगा. उन्होंने कहा कि हालात विकट हैं, क्योंकि देश का मीडिया सरकार के साथ खड़ा हो गया है और उनसे सवाल पूछता है.
शरद यादव ने माना कि विपक्ष की एकता के रास्ते में अड़चने जरूर हैं. आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू और कांग्रेस कंपिटीटर हैं, बंगाल में लेफ्ट, कांग्रेस और ममता के बीच संघर्ष है. पर रास्ता निकल आएगा.
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