वीडियो एडिटर: आशुतोष भारद्वाज
वीडियो प्रोड्यूसर: कनिष्क दांगी
महाराष्ट्र में तेज़ी से कोरोनावायरस के मामले बढ़ते जा रहे हैं. स्थिति काफ़ी खतरनाक है. सीएम उद्धव ठाकरे ने भी फिर से लॉकडाउन की नसीहत दे दी है. क्या देशभर को इससे संभलने की जरूरत है? महाराष्ट्र के कोविड टेक्निकल एडवाइजर डॉ. सुभाष सालुंखे से क्विंट ने खास बातचीत की.
डॉ. सुभाष सालुंखे ने कहा कि महाराष्ट्र में 4-5 दिनों में केस डबल हो रहे हैं ऐसे में जिन राज्यों में चुनाव होने हैं उन्हें काफी सतर्क रहने की जरूरत है. क्योंकि ट्रांसमिशन की स्थिति काफी गंभीर हो चुकी है.
शुरुआती कुछ शहरी इलाको से ये बीमारी ग्रामीण इलाकों में फैल रही थी, अभी भी यही ट्रेंड दिख रहा है. आज की स्थिति में बंगाल, दिल्ली, पंजाब में जिस तरह से भीड़ इकट्ठी हो रही है, इससे काफी खतरा है.
उनका कहना है कि लॉकडाउन इस बीमारी से लड़ने का आखिरी विकल्प है. जिस तरह से आंकड़े बढ़ रहे हैं वैसे में लॉकडाउन लगाना ही पड़ेगा. हमलोग सावधानी बरतने के साथ कोशिश करे तो लॉकडाउन की स्थिति टाल सकते हैं.
आपको बता दें कि महाराष्ट्र में पिछले एक हफ्ते में पॉजिटिविटी रेट ने 4% से 8% तक छलांग लगाई है, जो कि देश मे सबसे ज्यादा है. नतीजा ये है कि महाराष्ट्र में कही लॉकडाउन तो कही नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया है. अमरावती में 22 फरवरी की रात 8 बजे से अगले एक हफ्ते तक लॉकडाउन घोषित कर दिया है. तो वहीं विदर्भ के यवतमाल, अकोला, वाशिम और बुलढाणा जिले में पांच से ज्यादा लोगों के घूमने पर पाबंदी होगी. नागपुर में बाजार, स्कूल और कॉलेजेस बंद कर दिए गए है. साथ ही पुणे और नासिक जैसे शहरों में रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक कर्फ्यू के ऑर्डर्स जारी किए है.
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