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Suryakumar Yadav: 360 डिग्री SKY यानी विराट, रोहित और मैक्सवेल एक साथ!

Suryakumar Yadav को 'नटराज' और '360 डिग्री' क्यों कहा जाता है?

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उसमें विराट कोहली (Virat Kohli) सा Attiude नहीं है, न उसमें हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) वाला swag नहीं है, उसका स्वभाव पुजारा की तरह शांत भी नहीं है! तो आखिर उसके पास ऐसा क्या है, कि वो भारत का नया 'नटराज' (Nataraj) बन गया, उसे '360 डिग्री' कहा जाने लगा, क्यों हर तरफ 'सूर्या-सूर्या' गूंज रहा है? अब तक आप समझ ही गए होंगे कि हम बात कर रहे हैं सूर्य कुमार यादव (Suryakumar Yadav) की, वही सूर्या जिसका ताप हर मैच के साथ बढ़ता जा रहा है, लेकिन कैसे? वो हम बाताते हैं.

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सूर्यकुमार यादव  के पास शॉट्स का पिटारा

हाल ही में आलिया-रणवीर की एक मूवी आई ब्रह्मास्त्र, इस मूवी में जितने अस्त्र बताए गए थे वो सभी अलग-अलग किरदारों के पास थे, लेकिन यहां इस कहानी में 'अग्निअस्त्र' भी सूर्या का, 'नंदीअस्त्र' भी सूर्या का और 'ब्रह्मास्त्र' पर भी सूर्या का कब्जा! तो सारे अस्त्र जब अपने पिटारे में जमा कर लिए हों तो दुश्मन पस्त होगा ही, सो हो रहा है!

अब इसे ही थोड़ा सा क्रिकेटिंग भाषा में समझते हैं- हो सकता है पुल शॉट का इस्तेमाल रोहित शर्मा सबसे बेहतर करते हो, हो सकता है फ्लिक में विराट कोहली जैसा कोई न हो, हो सकता है कवर ड्राइव में केएल राहुल ने अपना नाम चमका रखा हो, थर्डमैन पे खेलने में मैक्सवेल उस्ताद हो सकते हैं तो विकेट के पीछे मारने में तिलकरत्ने दिलशान ने अपनी पहचान बनाई,

लेकिन यहां एक नाम है सूर्य कुमार यादव जिसके पास ये सभी अस्त्र हैं और इसका प्रयोग भी ऐसे करते हैं कि कोई निशाना नहीं चूकते. पूरा 360 डिग्री वाला मैदान उन्हीं का है. सूर्य को रोकने का बस एक ही तरीका है कि उन्हें आउट कर दो

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कई रिकॉर्डस कर लिए अपने 

अभी तो सूर्या का डेब्यु हुआ था, 2 साल पहले, जिसमें आधा समय तो कोरोना खा गया, लेकिन इस बैटर को देखकर लगता है मानों दशकों से टीम के साथ हों. देखते ही देखते

  • T20 में सबसे कम गेंदों में 1000 रन पूरे करने वाले खिलाड़ी बन गए.

  • एक कैलेंडर ईयर में सबसे ज्यादा T20 रन बनाने वाले भारतीय बल्लेबाज बन गए.

  • एक कैलेंडर ईयर में दुनिया में सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय T20 छक्के मारने वाले बल्लेबाज बन गए.

सूर्या का स्ट्राइक रेट हर मैच के साथ ऐसे बढ़ रहा है जैसे चुनावों के बाद भारत में पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ते हैं. अभी ही उनका स्ट्राइक रेट 177 का है. सामने चाहे स्पिन हो या तेज गेंदबाज, गेंद मैदान के बाहर निकलते देख लगता है नासा का रॉकेट लांच हो रहा हो.

लेकिन क्या सूर्यकुमार यादव हमेशा से इतने चैलेंजिंग थे...जवाब के लिए आपको लेकर चलते हैं थोड़ा फ्लैशबैक में ले चलते हैं..

सूर्यकुमार यादव का जीवन: 10, 20 और 30

सूर्यकुमार यादव की इस जर्नी में अनुशासनहीतनता है, संघर्ष है, सीख है और फिर परिणाम है. सूर्या की परवरिश मुंबई में हुई लेकिन वो पूरी तरह मुंबई के नहीं है, उनके पिता भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर में इलेक्ट्रलिकल इंजीनियर थे जिसके चलते उन्हें वाराणसी से मुंबई शिफ्ट होना पड़ा. उनके करियर में 10, 20 और 30 का बड़ा महत्व है. कैसे वो मैं बताता हूं.

सूर्या सिर्फ 10 साल के थे जब उनके पिता ने उनका दाखिला एक लोकल क्रिकेट कैंप में करवा दिया, लेकिन  उन्होंने क्रिकेट को सीरियस लेना शुरू किया दिलीप वेंगसरकर क्रिकेट एकेडमी से, जहां से उन्होंने मुंबई में ऐज-ग्रुप क्रिकेट खेलना शुरू किया.

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20 साल की उम्र में यानी 2010 में उनका रणजी में डेब्यू हुआ, और जानते हैं पहले मैच में जब वे मैदान पर गए तो उनके साथ कौन बल्लेबाजी कर रहा था- मौजूदा भारतीय कप्तान रोहित शर्मा. इस मैच में सूर्या ने 73 रनों की पारी खेली और टॉप स्कोरर भी रहे. इसके बाद अगले ही साल 2011-12 के रणजी सीजन में 754 रन जड़कर मुंबई की टीम में अपनी जगह पक्की कर ली.

IPL में दिखा संघर्ष का परिणाम

IPL 2012 में ही मुंबई इंडियंस ने उन्हें खरीद लिया, सूर्या इसमें अपने पहले ही मैच में 0 पर आउट हो गए इसके बाद पूरे सीजन कोई और मैच नहीं मिला. 2013 में वे आईपीएल नहीं खेले. 2014 से 2017 तक उनके कुल IPL रन थे- 164, 157, 182, 105 यानी फ्लॉप नहीं सुपर फ्लॉप कहेंगे.

लेकिन फिर 2018, 19 और 2020 में मानो कुछ चमत्कार हो गया. सूर्या ने इसमें 512, 424 और 480 रन बना दिए. 2018 के IPL में वो सबसे महंगे अनकैप्ड खिलाड़ी बने, जब MI ने उन्हें 3.2 करोड़ रुपये में खरीदा.

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30 साल की उम्र में भारतीय टीम में डेब्यू और विवाद

IPL से चमकने के बाद 30 साल की उम्र में उनका भारतीय टीम में डेब्यू हुआ. बस तब से ये सूरज आसमान में चढ़ता ही जा रहा है और हर तरफ चमक बिखेर रहा है. एक पल को आप सब्जी बिना नमक के खा लें लेकिन किसी क्रिकेटर का करियर बिना विवाद के हो ये कैसे संभव है, तो विवादों में भी सूर्या पीछे नहीं है.

IPL 2020 में सूर्यकुमार यादव को विराट कोहली लगातार स्लेज कर रहे थे. सूर्या ने उस मैच में विराट कोहली को ऐसे घूरा कि उनका रिएक्शन जमकर वायरल हुआ. हालांकि बाद में उन्होंने बताया कि उन्हें घूरने में काफी डर लग रहा था लेकन खुद को निडर दिखाना वहां जरूरी था.

डोमेस्टिक में यादव की फिटनेस कोच के लिए हमेशा सर-दर्द बनी रहती थी. रिपोर्ट्स के अनुसार वे 2014 में अपने साथी खिलाड़ी शार्दुल ठाकुर से भिड़ लिए थे. अनुशासनहीनता और झगड़े की रिपोर्ट्स आने के बाद उन्होंने 2015 में अचानक घरेलू क्रिकेट में मुंबई की कप्तानी छोड़ दी, लेकिन आज हम जिस सूर्या को जानते हैं शायद वो इन सब से बहुत अलग है. उनमें परिपक्वता और आक्रामकता दोनों है.

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आज सूर्या अगर 360 डिग्री कहे जा रहे हैं तो इसमें सबसे बड़ा रोल उनकी प्रैक्टिस का है, जरा देखिए कि कैसे नेट्स में वो उन शॉट्स के लिए भी पसीना बहाते हैं जिसे क्रिकेट पंडित सबसे रिस्की बताते हैं. इसके लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की. इसी मेहनत का नतीजा है कि वो बोल पाते हैं, "मैं किसी भी नंबर पर बैटिंग करने में काफी फ्लैक्सिबल हूं, मैंने कोच कैप्टन सबको बोल दिया है कि आप किसी भी नंबर पर खिला दो."

अंग्रेजी की एक कहावत है न - Sky has no limits, इस SKY को खेलते देखकर बस यही बात याद आ जाती है- SKY has no limits

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