ADVERTISEMENTREMOVE AD

हाशिमपुरा: वो दास्तां जो न शब्दों में सिमटती है न तस्वीरों में

28 साल बाद 2015 में कोर्ट ने सभी 16 आरोपियों को सबूत के अभाव में बरी कर दिया.

Updated
छोटा
मध्यम
बड़ा

देश की राजधानी दिल्ली से महज 80 किलोमीटर दूर मेरठ के हाशिमपुरा इलाके में 22 मई, 1987 हुई एक घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. उत्तर प्रदेश की प्रोविंशियल आर्म्ड कॉन्‍स्टेबुलरी (PAC) के जवानों के हाथों करीब 42 लोगों की हत्या के इस कांड को देश की सबसे बड़ी क्स्टोडियल किलिंग यानी हिरासत में हत्या का मामला माना जाता है.

हैरानी की बात है कि बरसों चली जांच और कोर्ट-कचहरी के बाद दिल्ली की तीस हजारी अदालत ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया था. अब ये मामला दिल्ली  हाई कोर्ट में है. द् क्विंट की टीम हाशिमपुरा पहुंची तो हर दरवाजे पर मिली दहशत की वो दास्तां मौजूद है जो ना शब्दों में सिमटती है ना तस्वीरों में.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×