ADVERTISEMENTREMOVE AD

ट्रांसजेंडर का आरोप, दिल्ली पुलिस मेरा रेप करती है

38 साल की गीता* का आरोप है कि उसके साथ दिल्ली पुलिस के 3 कांस्टेबल ने 2011 में रेप किया था  

story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

38 साल की गीता* (बदला हुआ नाम) के लिए, दिल्ली की सड़कों पर कमाना अब किसी बुरे सपने जैसा है. गीता अपनी पहचान एक ट्रांसजेंडर के तौर पर देती हैं. कमाई का कोई और जरिया नहीं होने के कारण गीता दिल्ली के कनॉट प्लेस में भीख मांगकर रोजाना 500 रुपए जुटा लेती हैं.

हालांकि सुप्रीम कोर्ट के सितंबर 2018 में धारा 377 पर आए फैसले के बाद गीता के लिए चीजें थोड़ी बदलीं. सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए समलैंगिकता को अपराध की कैटेगरी से बाहर कर दिया था. इस फैसले के एक सप्ताह बाद, पत्रकारों को एक ट्रांस कार्यकर्ता डॉ कार्तिक बिट्टू ने जानकारी दी कि तीन ट्रांसजेंडर भिखारी कनॉट प्लेस पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाएंगी. गीता उनमें से एक थी. 7 साल पहले पालिका बाजार में दिल्ली पुलिस के तीन बीट कॉन्स्टेबलों ने कथित तौर पर गीता का रेप किया था.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
गीता ने आरोप लगाया कि 3 बीट काॅन्सटेबल ने उसे जबरन ओरल और एनल सेक्स के लिए मजबूर किया. सितंबर में वो एफआईआर दर्ज कराना चाहती थीं लेकिन उसने कदम पीछे कर लिए.

शिकायत नहीं दर्ज कराने को लेकर गीता ने क्विंट को बताया-

मैंने अपना मन नहीं बदला. लेकिन मैं अपने गुरु से एक बार पूछना चाहती हूं कि वो मेरा साथ देगी या नहीं. अगर वो कहेंगी कि मैं तुम्हारे साथ हूं, तुम आगे बढ़ो, तो मैं खुलकर आगे बढ़ूंगी. 
गीता

गीता के मुताबिक उनकी 2 और दोस्त जो इस अपराध का शिकार हुई थीं वो काफी डरी हुई थीं. इससे गीता की हिम्मत भी कमजोर पड़ गई जिस डर ने उन्हें पुलिस के पास जाने से रोक रखा था.

गीता की गुरु ने उसे पुलिस में शिकायत दर्ज कराने से मना किया था क्योंकि उन्हें डर था कि इसका असर उनकी रोजमर्रा की जिंदगी पर पड़ सकता है. लेकिन गुरु के समझाने के बावजूद गीता ने अब जाकर शिकायत दर्ज कराने का फैसला किया.

मेरे साथ मारपीट की और गलत काम किया गया. 2-3 पुलिसवाले थे. पहले मेरे पैसे लिए मोबाइल छीना और फिर बहुत पिटाई की. उसके बाद मेरे साथ सेक्स किया. वो पुलिसवाले मेरे सामने आ जाएं तो मैं उन्हें पहचान लूंगी. मैं उनका नाम नहीं जानती. वो मुझे जबरन कहते थे कि अगर मैंने उनके साथ संबंध नहीं बनाएं तो वो मुझे भीख मांगने नहीं देंगे.
गीता

गीता को अब सिर्फ इंसाफ चाहिए और पुलिस के जुल्म के बिना पैसे कमाने का अधिकार. क्या उसकी ये मांग ज्यादा है?

द क्विंट ने भी दिल्ली पुलिस को इस मामले से जुड़े सवालों की एक सूची भेजी है लेकिन अबतक कोई जवाब नहीं मिला है.

1) 3 अक्टूबर 2018 को कनॉट प्लेस पुलिस स्टेशन में गीता की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत का स्टेटस क्या है?

2) क्या आप मामले में एफआईआर दर्ज करने में हुई देरी के पीछे की वजह बता सकते हैं? किस आधार पर पुलिस ने सीआरपीसी के सेक्शन 166 ए और ललिता कुमारी मामले में सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइन- जिसमें कहा गया है कि ऐसे मामलों में एफआईआर दर्ज करना अनिवार्य है, को नजरअंदाज कर दिया?

3) 377 मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद, दिल्ली पुलिस अपने कर्मियों को संवेदनशील बनाने के लिए किस तरह की कोशिशें कर रही है?

दिल्ली पुलिस से जवाब मिलते ही इस खबर को अपडेट किया जाएगा.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×