वीडियो एडिटर: मोहम्मद इरशाद आलम
यूपी के एटा में पुलिस पर 10 लोगों को झूठे केस में फंसाने का आरोप है. लेकिन इस बार ढाबा मालिक पुलिसवालों पर भारी पड़ गया. पूरे मामले के बारे में ढाबा मालिक ने क्विंट से विस्तार से बातचीत की.
आरोप है कि ढाबे पर खाने के बिल का पैसा मांगने पर पुलिसवाले को गुस्सा आ गया और इसके बाद दर्जनभर केस दर्ज कर लिए गए. जिसमें हत्या की कोशिश, एक्साइज एक्ट, आर्म्स एक्ट, नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सबस्टेंस एक्ट शामिल हैं.
यहां पर पुलिसवाले खाना खा रहे थे. खाने के पैसे के लेन-देन को लेकर कहासुनी हुई. फोन करके पुलिसवालों ने और फोर्स बुलाई. फिर सबको गिरफ्तार करके ले गए. थाने ले जाने के बाद गांजा वगैरह सब उपलब्ध करा दिया और एफआईआर दर्ज कर दिया.प्रवीण, ढाबा मालिक
ढाबा मालिक ने पुलिसकर्मियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 384 (जबरन वसूली), 342 (गलत तरीके से कारावास), 336 (जीवन या सुरक्षा को खतरे में डालना), 211 (अपराध का झूठा आरोप) धाराओं मे मामला दर्ज कराया है.
’मैंने युवकों के खिलाफ मामलों की जांच अलीगढ़ ट्रांसफर कर दी है, और शैलेंद्र और संतोष कुमार को निलंबित करने का आदेश दिया है.’’पीयूष मोर्डिया, IG, अलीगढ़ रेंज
प्रवीण का दावा है कि उन्हें अब भी धमकी मिल रही है. मामले में अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने यूपी के डीजीपी को नोटिस थमाया है.
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