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उत्तराखंड पेपर लीक मामलाःसरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज

युवाओं की मांग- पहले हो CBI जांच, फिर कराई जाए परीक्षा

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उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में बेरोजगार युवाओं का प्रदर्शन जारी है. पेपर लीक होने से नाराज युवा सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं. उनकी मांग है कि पहले पेपर लीक मामले में CBI जांच कराई जाए, उसके बाद परीक्षा. इसी क्रम में गुरुवार प्रदर्शन कर रहे युवाओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया. बावजूद युवा डटे हुए हैं. वो अभी भी प्रदर्शन जारी रखे हुए हैं.

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क्या है युवाओं की मांग?

  • उत्तराखंड लोकसेवा आयोग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की निष्पक्ष जांच हो

  • उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की निगरानी में CBI जांच हो

  • नकलचियों के नाम सार्वजनिक किए जाएं

  • नकलरोधी कानून पास होने के बाद ही परीक्षा आयोजित कराई जाए

  • पुलिस/पटवारी/FRO/लोअर PCS/AE/JE-अपर PCS/RO/ARO/APO/PCS-J जैसी परीक्षाओं की निष्पक्ष जांच हो

युवाओं की मांग- पहले हो CBI जांच, फिर कराई जाए परीक्षा

बता दें, सरकारी भर्तियों में आवेदन करने वाले सैकड़ों युवा विरोध प्रदर्शन में उतर गए हैं. आक्रोशित युवाओं ने राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर CBI जांच की मांग की. युवाओं का साफ कहना है कि जब वह एक भर्ती का पेपर देते हैं तो वह लीक हो जाता है, फिर दूसरे की आस में तैयारी करते हैं, तो वह भी लीक हो जाता है. ऐसे में युवाओं के भविष्य का क्या होगा? यह सरकार को बताना चाहिए.

प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने बताया कि वह पहाड़ के दूरदराज इलाकों से यहां अगर परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं और उन्हें पता चलता है कि एक के बाद एक सभी पेपर लीक हो रहे हैं, तो ऐसे में इन सभी मामलों की CBI जांच क्यों नहीं कराई जा रही है?
युवाओं की मांग- पहले हो CBI जांच, फिर कराई जाए परीक्षा

दरअसल, पटवारी/लेखपाल परीक्षा के लीक होने पर द क्विंट ने अपने 'NOकरी' सीरिज के तहत इन युवाओं के मुद्दों को रखा था. जिसमें युवा CBI जांच की मांग कर रहे थे. युवाओं का कहना था कि हम लोवर मीडिल क्लास से आते हैं. कैसे-कैसे करके हमारा घर चलता है. उसमें हमारे माता-पिता कितनी मेहनत करके हमें बाहर पढ़ने के लिए भेजते हैं. जब हम यहां सालों-साल तैयारी करते हैं और जब परीक्षा देते हैं, तो पता चलता है कि पेपर ही लीक हो गया. हमारे सालों-साल की मेहनत पल भर में स्वाहा हो जाती है. ये सरकार की पूरी तरह से नाकामी है. सरकार को चाहिए कि पहले इसकी जांच कराए और दोषी पाए गए लोगों का नाम सार्वजनिक करे.

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