फरवरी का महीना आते ही हवाओं में प्यार फैलने लगता है. मैंने प्यार किया और दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे जैसी फिल्में प्यार के खुमार को चढ़ाने में काफी मददगार साबित होती है. पूराने जमाने में कबूतर प्यार के पैगाम पहुंचाया करते थे लेकिन आज मोहब्बत को मंजिल तक पहुंचाने के लिए कैब वाले भैया का बहुत बड़ा हाथ होता है. तो अब आप सोच रहे होंगे कि ऐसा कैसे हो सकता है तो जनाब यही तो वो जरिया है, जिससे झटपट आप लंबी दूरी तय कर के अपने प्यार से मिलने पहुंचत जाते हैं.
लेकिन क्या आपको आपके प्यार तक पहुंचाने वाले इन कैब ड्राइवरों की लव स्टोरी पता है. वैलेंटाइन डे के मौंके पर RJ स्तुति इन कैब ड्राइवरों की मोहब्बत का जायजा लेने पहुंचीं. स्तुति जानना चाहती थी कि आज के दिन भी ये ड्राइवर्स दूसरों के प्यार को मिलवाने में बिजी हैं या फिर ये खुद भी इस दिन को सेलिब्रेट करते हैं. जानिए इनकी मोहब्बत की कहानी इन्हीं की जुबानी.
क्यों मनाया जाता है वैलेंटाइन डे?
कहा जाता है कि वैलेंटाइन डे का नाम रोम के एक पादरी संत वैलेंटाइन के नाम पर रखा गया है. दरअसल रोम साम्राज्य में तीसरी सदी में क्लॉडियस नाम के राजा का शासन हुआ करता था. क्लॉडियस का मानना था कि शादी करने से पुरुषों की शक्ति और बुद्धि खत्म हो जाती है. अपनी इसी सोच की वजह से उसने पूरे राज्य में यह आदेश जारी कर दिया कि उसके राज्य में कोई भी सैनिक या अधिकारी शादी नहीं करेगा. लेकिन संत वैलेंटाइन ने क्लॉडियस के इस आदेश पर कड़ा विरोध जताया और पूरे राज्य में लोगों को शादी करने के लिए प्रेरित किया. संत वेलेंटाइन ने रोम में बहुत सारे सैनिकों और अधिकारियों की शादी करवाई.
जब राजा तक इस बात की खबर पहुंची, तो उसे बहुत गुस्सा आया. अपने आदेश का विरोध होता देख क्लॉडियस ने संत वैलेंटाइन को बंदी बनाने का आदेश दिया. इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर राजा के आदेश पर 14 फरवरी सन 269 को फांसी पर चढ़ा दिया गया. तब से उनकी याद में वैलेंटाइन डे का त्यौहार मनाया जाता है.
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