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दंगों में शहरों से ज्यादा हरियाणा का देहात जला

जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हरियाणा के इतिहास में पहली बार दंगों की इतनी भयावह आग भड़की

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जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हरियाणा के इतिहास में पहली बार दंगों की इतनी भयावह आग भड़की. यह आग क्यों भड़की? इसका जवाब ढूंढने के लिए जब ‘द क्विंट’ ने स्थानीय लोगों और दंगा प्रभावित परिवारों से बात की, तो कुछ लोगों ने कहा, इस दंगे की शुरुआत कुरुक्षेत्र से सैनी समुदाय के BJP सांसद के OBC सेना बनाने का ऐलान करने से हुई, जिसका मकसद हरियाणा से जाटों को माओवादियों की तरह खदेड़ना बताया गया था. इसके वीडियो यू-ट्यूब पर उपलब्ध हैं.

वहीं कुछ लोगों ने कहा कि जाटों का पूरा आंदोलन नेतृत्वहीन था, जिस वजह से आंदोलन ने संतुलन खोया और हिंसा हुई. बहरहाल, दोनों ही हालात में सरकार और प्रशासन की अनदेखी हरियाणा में हुए दंगों का कारण बनी और 4 दिनों तक सूबे में हिंसक जातीय संघर्ष चला, जिसका शिकार शहरों से ज्यादा हरियाणा के गांव बने.

लेकिन गांवों में रह रहे लोग इसे अपना दुर्भाग्य ही मानते हैं कि न तो मीडिया, न ही सरकार उनकी मदद के लिए पहुंची. फिलहाल हरियाणा के गांवों में मुआवजे को लेकर कई तरह के भ्रम हैं.

जो चीजें दंगों में जल गईं, शहरी चलन से इतर जल चुकी चीजों में से ज्यादातर के कागजात और बीमा नहीं था. गांवों में रह रहा किसान समुदाय इसे दोहरी मार की तरह देख रहा है.

ऐसे हालात में भी जब गांव के लोगों से हमने बात की, तो लोगों ने कहा कि जो गया, सो गया. लेकिन सामाजिक ढांचे का जो नुकसान हरियाणा के देहाती इलाकों का हुआ है, उससे निकलने में समाज को लंबा वक्त लगेगा.

कैमरामैन: सिद्धार्थ सफाया

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