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गुजरात की आवाज: ‘BJP के सिर्फ वादे’, ‘हमारे लिए देश का विकास पहले’

‘गुजरात की आवाज’ में जनता बताती है अपने मुद्दे

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गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए सभी राजनीतिक दल वादे करने में जुटे हैं और जनता इस चुनाव में अपने मुद्दों पर वोट करने को तैयार है. ऐसे में गुजरात विधानसभा चुनाव से जुड़ी हर खबर आप तक पहुंचाने के लिए क्विंट हिंदी ने खास तैयारी की है.

‘गुजरात की आवाज’ में जनता बताती है अपने मुद्दे. क्विंट हिंदी गुजरात के कोने-कोने में लोगों से मिलकर उनकी आवाज आप तक पहुंचा रहा है. देखिए- रोजगार से लेकर आरक्षण जैसे मुद्दों पर क्या है लोगों की राय?

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हम बीजेपी को फिर वोट देकर गलती नहीं करेंगे: व्यापारी

45 साल के धर्मेंद्र गढवी गुजरात में व्यापारी हैं, जो दहेज इलाके के वोटर हैं. धर्मेंद्र ने कहा कि साल 2012 में उन्होंने बीजेपी को वोट देकर गलती की थी, लेकिन इस बार फिर बीजेपी को वोट देकर गलती नहीं दोहराएंगे.

हमारे विधानसभा क्षेत्र में किसानों के बहुत सवाल हैं. रोजगार मिला नहीं है, विकास के नाम पर भी कुछ नहीं हुआ नहीं है. 22 साल पहले सरकार ने किसानों से जमीन ली थी और ये कहा था कि किसानों के बच्चों को इसके बदले रोजगार देंगे. लेकिन 22 साल बीत गए, किसानों के बच्चे आज भी रोजगार हैं.
धर्मेंद्र गढवी की सरकार से सबसे बड़ी शिकायत विकास को लेकर है. उनका कहना है कि पिछले 22 सालों में गुजरात में कोई विकास नहीं हुआ है.

मोदी जी हमें भी रहने के लिए एक मकान दें: ट्रांसजेंडर

31 साल की पायल कुंवर ट्रांसजेंडर हैं, जो गुजरात के सूरत में रहती हैं. उनकी मांग है कि मोदी सरकार ट्रांसजेंडरों के लिए भी मकान, सरकारी नौकरी उपलब्ध कराएं.

सरकार आम लोगों की जनगणना कराती है, लेकिन हम ट्रांसजेंडरों की कोई जनगणना नहीं हुई है. आम लोगों को सरकारी नौकरी मिल रही है, लेकिन हमें क्यों नहीं? हम पढ़े लिखे नहीं हैं, लेकिन हम लोगों में भी कुछ खासियत तो होती ही है.
पायल कुंवर, सूरत
लोग नोटबंदी की वजह से बहुत परेशान हुए. लोग परेशान होते हैं, तो हम भी परेशान होते हैं, क्योंकि लोग ही हमें रोटी देते हैं.
पायल कुंवर, सूरत
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बीजेपी ने सिर्फ वादे किए हैं, अब कांग्रेस को वोट देंगे: किसान

51 साल के धीरूभाई गुजरात के राजकोट में किसान हैं. धीरूभाई मोदी सरकार से बहुत नाराज हैं. उनके मुताबिक, उन्होंने बीजेपी को बहुत बार वोट दिया है, लेकिन इस बार कांग्रेस को वोट देने की बात कह रहे हैं.

सब सरकार बस वादे करती है. किसानों को कोई भाव नहीं मिलता है. 15 दिन के बाद का चेक दिया जाता है, उसके बाद भी कुछ पैसा नहीं मिलता.
धीरूभाई, राजकोट

किसान धीरूभाई ने कहा, नोटबंदी और जीएसटी से सब कुछ बेकार हो गया है. बच्चों को पढ़ने-लिखने के बाद भी नौकरी नहीं मिली.

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बीजेपी ने आरक्षण के लिए कुछ नहीं किया: डेयरी वर्कर

33 साल के संवाल्या राजेश एक डेयरी में नौकरी करते हैं और राजकोट में वोट डालते हैं. राजेश ने इस बार चुनाव में कांग्रेस को वाट देने की बात कर रहे हैं.

इस सरकार ने तो कुछ किया नहीं है. अगर इस सरकार को मौका दिया है, तो उस सरकार को भी हम एक मौका देंगे.
संवाल्या राजेश, राजकोट
मेरे जैसे न जाने कितने ऐसे लोग हैं, जिनके पास मकान नहीं है. मेरे पास जमीन नहीं है और न जाने कितने लोगों के पास भी जमीन नहीं है. हमे बीजेपी की किसी योजना का फायदा नहीं हुआ है.
संवाल्या राजेश, राजकोट
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मेरे लिए देश की प्रगति पहले, जीएसटी नहीं: व्यापारी

48 साल के नरेंद्र साबू गुजरात के सूरत में व्यापारी हैं. टेक्सटाइल व्यापारी नरेंद्र के लिए देश पहले है, देश की प्रगति पहले है. उसके बाद जीएसटी.

हम बनिया हैं. व्यापारी हैं. हम शुरू से ही बीजेपी के साथ रहे हैं. हमारा देश सुरक्षित हाथों में रहना चाहिए. मेरे लिए देश सबसे पहले है. देश की प्रगति होनी चाहिए. जीएसटी मेरे लिए दूसरे नंबर पर है.
नरेंद्र साबू, सूरत

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