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क्‍व‍िंट विशेष | दिवाली पर ट्रांसजेंडरों की अनोखी ‘राम कहानी’

क्या आप जानते हैं कि रामायण में ट्रांसजेंडर्स की क्या भूमिका थी और वो हर नई पीढ़ी को आशीर्वाद क्‍यों देते हैं? 

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'पुरुष नपुंसक नारी व जीव चराचर कोई, सर्व भाव भज कपट तजि मोहि परम प्रिय होई'

भगवान राम ने 'रामचरितमानस' में कहा है, "पुरुष, समलैंगिक, महिला, जानवर या पौधे, जो कपट छोड़ने के बाद मुझे भजते हैं, वो मुझे प्रिय हैं."

भगवान राम ने हम सभी को एक समान प्यार करना सिखाया है, इसलिए द क्विंट ने इस बार अपनी दिवाली ट्रांसजेंडर के साथ मनाने का फैसला किया है. साथ ही रामायण में उनकी भूमिका क्या थी, इस बात का पता लगाने की कोशिश की.

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जब श्रीराम को अयोध्या से 14 साल का वनवास मिला, तो पूरी प्रजा उनके पीछे जाने लगी. तब राम ने सभी से लौट जाने का आग्रह किया और वादा किया कि वो जल्द ही लौटेंगे. सब लौट गए, लेकिन ट्रांसजेंडर नहीं लौटे, क्योंकि वे न तो मर्द थे, न ही औरत.

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भगवान राम जब 14 साल के वनवास के बाद अयोध्या लौटे, तो उन्होंने देखा कि ट्रांसजेंडर की पूरी कम्युनिटी 14 साल से वहीं थी, जहां राम उन्होंने छोड़ कर गए थे.

भगवान ट्रांसजेंडर्स के प्यार और समर्पण से खुश हुए और उन्हें वरदान दिया कि वो नई पीढ़ी को आशीर्वाद देंगे. यही कारण के कि विशेष मौकों और बच्चों के जन्म पर ट्रांसजेंडर्स को आशीर्वाद देने बुलाया जाता है.

वीडियो क्रेडिट:

एक्टर्स: श्यामली, रुद्राणी छेत्री, कशिश, मोना, राश‍ि, स्टेनली

म्‍यूजिक: कॉनिक

गीतकार: आकिब रजा खान

मल्टीमीडिया प्रोड्यूसर: कुणाल मेहरा

सिंगर: मानसी जानी, आद खान, कश्यया खान, श्यामली पुजारी, मोना वर्लीकर, गोपी, योगा देवी, नादिरा कदम

मुमताज खान, जोया शेख, अमरीन

चित्र: सुस्‍नाता पॉल

कैमरा: अथर राथर, संजय देब

असिस्टेंट प्रोड्यूसर: वंशिका सूद अभिषेक रंजन चौधरी

प्रोड्यूसर: आकिब रजा खान, दिव्‍या तलवार, त्रिदीप मंडल

स्‍पेशल थैंक्‍स: आरजू फाउंडेशन

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