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PM मोदी ने लेह में सेना का मनोबल बढ़ाने के साथ और क्या संदेश दिया?

पीएम के लेह दौरे के सामरिक और कूटनीतिक क्या मायने हैं?

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(एडिटर- विशाल कुमार)

पीएम नरेंद्र मोदी चौंकाने के लिए जाने जाते हैं. एक बार फिर उन्होंने चौंकाया और इस बार चौंकाया चीन को. मोदी अचानक लेह पहुंचे, जवानों का हाल चाल जाना और आर्मी के बड़े अफसरों से हालात का जायजा लिया. मोदी यहीं नहीं रुके, उन्होंने जवानों के सामने एक लंबी स्पीच भी दी. इन सबके सामरिक और कूटनीतिक क्या मायने हैं, ये समझने के लिए क्विंट के एडिटोरियल डायरेक्टर संजय पुगलिया ने खास बातचीत की लेफ्टिनेंट जनरल (रि.) कवल डावर से.

लेफ्टिनेंट जनरल (रि.) कवल डावर डिफेंस इंटेलिजेंस एजेंसी के फर्स्ट चीफ रह चुके हैं. लेफ्टिनेंट जनरल के मुताबिक पीएम मोदी ने लेह जाकर न सिर्फ जवानों का मनोबल बढ़ाया बल्कि खुद सेना के वरिष्ठ अफसरों से हालात का जायजा लिया. लेकिन बड़ी बात ये है कि इसी बहाने पीएम चीन और कुछ हद तक पाकिस्तान को भी सीधा संदेश दे दिया.

चीन एक विस्तारवादी ताकत है और मोदी ने साफ कर दिया कि आज विस्तार का नहीं, विकास का जमाना है. पीएम ने चीन का नाम नहीं लिया, लेकिन साफ बता दिया कि अगर वो बाज नहीं आया तो हम तैयार हैं.
लेफ्टिनेंट जनरल (रि.) कवल डावर

चीन नहीं माना तो देंगे करारा जवाब

लेफ्टिनेंट जनरल (रि.) कवल डावर ने बताया कि मोदी ही नहीं देश के हर प्रधानमंत्री ने चीन के साथ शांति कायम करने की कोशिश की है लेकिन जब-जब चीन ने हमें आंख दिखाई उसने मुंह की खाई. अगर इस बार भी चीन को ये बात समझ में नहीं आई तो भारतीय सेना चीन को मुंहतोड़ जवाब देगी.

पीएम दौरे पर चीन की प्रतिक्रिया

पीएम के लेह दौरे के बाद चीन की सरकार ने कहा कि दोनों पक्ष बातचीत कर रहे हैं, ऐसे में किसी पक्ष को स्थिति बिगाड़ने की कोशिश नहीं करनी चाहिए. चीन की इस प्रतिक्रिया पर लेफ्टिनेंट जनरल (रि.) कवल डावर का कहना है ये प्रतिक्रिया बचकानी है, क्योंकि पीएम मोदी ने लेह जाकर भी चीन का नाम नहीं लिया. ऐसा करके उन्होंने कूटनीतिक चैनल खोले रखा है. वो अपने देश की जमीन पर कहीं भी जा सकते हैं, अपनी सेना का हौसला बढ़ा सकते हैं.

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